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डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है। एक बार व्यक्ति जब इसकी चपेट में आ जाए तो उसे अपना खास ख्याल रखना होता है। इस बीमारी को नजरअंदाज करने पर समस्या बढ़ सकती है। खाने पीने के साथ दवाई का भी ध्यान रखना जरूरी है। इन दिनों कम उम्र के लोगों को भी शुगर बढ़ने की समस्या हो रही है। बिजी लाइफस्टाइल के चलते कई बार लोग दवाई या इंजेक्शन लगाना भी भूल जाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आपके लिए डायबिटीज पैच वरदान साबित हो सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद में मेडिकल डिवाइस और डायग्नोस्टिक्स मिशन के तहत कई नई तकनीकों का विकास हो रहा है, जो अलग-अलग बीमारियों की जांच और उपचार को आसान बना सकती हैं। ऐसे में डायबिटीज पैच तैयार किया गया है, जिसका परिक्षण शुरू करने की तैयारी हो रही है।
क्या है डायबिटीज पैच?
आईसीएमआर वैज्ञानिकों ने एक ऐसा डायबिटीज पैच बनाया है, जिसे त्वचा पर लगाने से शुगर लेवल चेक होगा और साथी ही जरूरत पड़ने पर दवा भी शरीर में पहुंच जाएगी।
कैसे काम करता है पैच
न्यू साइंटिस्ट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक डाइबिटिक पैच बार-बार उंगली से खून निकालकर बल्ड में शुगर का लेवल चेक करता है। साथ ही इसकी मदद से इंसुलिन इंजेक्शन से भी छुटकारा मिलता है। इसमें एक इलेक्ट्रोकेमिकल एनालाइजर लगा होता है, जो स्किन में पसीने से शुगर का पता लगा सकता है। इस लेवल के बढ़ते ही पैच में लगी मैटफार्मिन दवा इसमें लगी छोटी सुइंयों से त्वचा के अंदर टिशू में जाना शुरू हो जाती है।
कहां लगाया जा सकता है पैच
डायबिटीज के लिए बने इस वंडर पैच को हाथ के किसी भी हिस्से पर बांधा जा सकता है। ये पैच शुगर लेवल की निगरानी के साथ ही ट्रीटमेंट को भी आसान बनाएगा। रिपोर्ट् की मानें तो पैच में सूक्ष्म सूइयां 250 माइक्रोमीटर से भी कम चौड़ी और इनकी लंबाई एक मिलीमीटर से भी कम होती है। ऐसे में पैच लगाने पर मरीज को चुभन का एहसास ना के बराबर होता है।
कैसे मिलेगा पैच
रिपोर्ट्स की मानें तो मिशन के तहत इन तकनीकों को विकसित कर पहले उनका प्रमाणीकरण किया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रीय मधुमेह नियंत्रण कार्यक्रम के जरिए इस पैच को आम लोगों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
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