1992 में रिलीज हुई रात आज भी बॉलीवुड की सबसे डरावनी हॉरर मूवी में गिनी जाती है। राम गोपाल वर्मा की इस सुपरनैचुरल थ्रिलर ने सिर्फ 1 करोड़ के बजट में 2 करोड़ की कमाई की। रेवती, ओम पुरी और रोशनी जैसे स्टार्स से सजी ये फिल्म अपने टेंशन भरे सीन और डरावनी कहानी के लिए मशहूर है। IMDb पर इसे 7/10 की रेटिंग मिली, जो उस दौर की हॉरर फिल्मों के लिए बड़ी बात थी।
रात की कहानी शर्मा फैमिली के इर्द-गिर्द है, जो नए घर में शिफ्ट होती है। लेकिन जल्द ही मिनी (रेवती) के साथ अजीब और डरावने हादसे शुरू हो जाते हैं। राम गोपाल वर्मा ने हॉरर को ड्रामा के साथ ऐसा घोलकर पेश किया कि ये फिल्म अपने टाइम से आगे थी। एक सीन में मिनी की आंखें लाल हो जाती हैं, जो दर्शकों को आज भी डराता है। कम बजट में बने इस सिनेमैटिक जादू ने साउंड इफेक्ट्स और टेंशन से सबको बांध लिया। ये मूवी उस दौर में हॉरर जॉनर को नई पहचान दिलाने में कामयाब रही।
क्यों थी ‘रात’ इतनी यूनिक?
रात ने 90 के दशक में बॉलीवुड हॉरर को नया रंग दिया। उस वक्त ज्यादातर हॉरर फिल्में पुरानी हवेलियों और भूतों तक सीमित थीं, लेकिन रात ने डिमॉनिक पजेशन को फोकस किया। फिल्म की शुरुआत में फैमिली ड्रामा है, जो धीरे-धीरे सुपरनैचुरल थ्रिलर में बदलता है। राम गोपाल वर्मा ने लो-एंगल शॉट्स और डरावने साउंड्स से ऐसा माहौल बनाया कि दर्शक सिहर उठते थे। एक सीन, जहां फैमिली की बिल्ली मरने के बाद उसका डुप्लीकेट दिखता है, आज भी लोगों को हैरान करता है। रेवती की एक्टिंग ने मिनी के डर और पजेशन को जिंदा कर दिया। क्रिटिक्स ने इसकी टेक्निकल क्वालिटी और स्टोरीटेलिंग की तारीफ की।
हॉरर लवर्स के लिए क्यों है मस्ट-वॉच
रात आज भी हॉरर फैंस के लिए खास है क्योंकि ये सिर्फ डराती नहीं, बल्कि सस्पेंस और इमोशन से बांधती है। 90 के दशक में जब हॉरर को हल्के में लिया जाता था, तब रात ने दिखाया कि कम बजट में भी कमाल हो सकता है। इसका क्लाइमेक्स, जहां मिनी का एक्सॉर्सिज्म होता है, उस टाइम के दर्शकों के लिए शॉकिंग था। स्त्री 2 या अरणमनई 4 जैसी नई हॉरर फिल्मों के दौर में भी रात की चमक फीकी नहीं पड़ी। 2024 में हॉरर फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर 1740 करोड़ कमाए, लेकिन रात ने बिना VFX के डर का जादू चलाया। अगर आप हॉरर लवर हैं, तो अमेजन प्राइम पर ये मूवी जरूर देखें।
