मेरठ:bअग्निपथ योजना से नाराज युवाओं को मनानाअग्निपथ योजना की घोषणा के बाद UP में जगह-जगह युवाओं ने योजना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया था।पिछले दिनों केंद्र सरकार भारतीय सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लाई। इस योजना का देशभर में युवाओं ने जबरदस्त विरोध किया। सेना में जाट युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। वेस्ट यूपी में तमाम गांव ऐसे हैं जहां से हर घर के युवा सेना में हैं। किसान परिवार के युवाओं के पास खेती के बाद रोजगार का दूसरा बड़ा विकल्प केवल फौज है।जब सरकार ने फौज में भर्ती और नौकरी के नए नियम लागू कर दिए तो अग्निपथ के विरोध में हजारों युवा सड़कों पर उतरे। जाट चेहरे को बड़ा नेतृत्व देकर भाजपा ने उन लाखों जाट युवाओं और परिवारों को मनाने का प्रयास किया है। लोकसभा चुनाव में युवाओं का वोट निर्णायक होगा, ऐसे में जाट युवाओं का वोट बैंक साधना जरूरी है। जाट चेहरे के बहाने भाजपा ने जाट बाहुल्य क्षेत्रों में हर घर पहुंचने की तैयारी की है।2. किसान आंदोलन का डैमेज कंट्रोलयूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने विरोध-प्रदर्शन किया। दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसान धरने पर बैठे रहे।तीन कृषि कानूनों को लेकर पहले ही किसानों में केंद्र सरकार से नाराजगी रही है। कृषि कानूनों के बाद लखीमपुर खीरी जीप से किसानों को कुचलने की घटना के कारण किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है। UP विधानसभा चुनाव 2022 में सरकार इस नाराजगी का ट्रेलर देख चुकी है। चुनाव से ठीक पहले बेशक तीनों कृषि कानून वापस लिए गए, मगर उसका असर 2022 के चुनाव में नजर आया। विधानसभा चुनाव में मेरठ, बागपत सहित जाट बाहुल्य इलाकों में भाजपा को सीटें गंवानी पड़ी। 2024 के चुनाव में भाजपा इस कमी को दूर करना चाहती है। भाजपा ने किसानों को मनाने के लिए जाट चेहरे का सहारा लिया है।3. वेस्ट UP की हारी हुई सीटों पर नजर1989 में भाजपा से जुड़े भूपेंद्र चौधरी UP भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं।2019 के चुनाव में भाजपा वेस्ट UP की 6 सीटों को हार चुकी है। इसमें बिजनौर, नगीना, सहारनपुर, संभल, मुरादाबाद, रामपुर सीटें शामिल हैं। ये सभी वो सीटें हैं जो जाट बाहुल्य क्षेत्र में हैं। यहां भाजपा कमजोर है। इसमें मुरादाबाद मंडल में एक तरह से भाजपा का सफाया हो गया। 2024 के चुनाव में इन सीटों पर जीत पक्की करने के लिए यह जाट कार्ड खेला है। खास बात यह कि जिस मुरादाबाद मंडल में 2019 में भाजपा ने सीटें गंवाई, नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी उसी इलाके से हैं।4. सपा ने जयंत को भेजा राज्यसभा, जाटों को मनाएंगे चौधरीUP विधानसभा चुनाव के बाद सपा ने रालोद मुखिया जयंत चौधरी को राज्यसभा भेज दिया है। वेस्ट यूपी में रालोद किसानों, जाटों की प्रमुख पार्टी है। UP विधानसभा चुनाव में भी सपा-रालोद ने गठबंधन पर मजबूत चुनाव लड़ा। भले जयंत, अखिलेश का गठबंधन UP में सरकार नहीं बना सका, लेकिन इस जोड़ी ने वेस्ट यूपी में कई सीटों पर शानदार प्रदर्शन किया। मेरठ की 7 में से 4 विधानसभा सीटें बीजेपी को गंवानी पड़ी। मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर और बिजनौर की 34 सीटों पर भाजपा को सपा-रालोद गठबंधन से कड़ी चुनौती मिली। वेस्ट यूपी के चुनावी नतीजे और जयंत चौधरी का राज्यसभा जाने के बाद वेस्ट UP भाजपा की बड़ी चुनौती है। इसलिए पार्टी ने जाटलैंड को चौधरी भूपेंद्र के बहाने साधने का ट्रंप कार्ड खेला है।चलते-चलते जानें भूपेंद्र चौधरी का सियासी सफर1989 में भाजपा से जुड़े।1990 जिला अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद मुरादाबाद रहे।1994 में कोषाध्यक्ष भाजपा मुरादाबाद रहे।1995 में महामंत्री भाजपा मुरादाबाद रहे।1996 से 2000 जिला अध्यक्ष भाजपा मुरादाबाद रहे।1999 संभल से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी रहे।2000-2007 मंडल संयोजक भाजपा मुरादाबाद रहे।2007-2011 भाजपा क्षेत्रीय मंत्री पश्चिम उत्तर प्रदेश रहे।2011-2018 भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश रहे।2016 विधान परिषद सदस्य रहे।2017 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार पंचायती राज और निर्माण विभाग उत्तर प्रदेश रहे ।2019 कैबिनेट मंत्री पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश सरकार रहे।25 मार्च 2022 कैबिनेट मंत्री पंचायती राज विभाग उत्तर प्रदेश रहे।

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