Water Fasting: बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और खाने पीने की खराब आदतें, आजकल हर दूसरे व्यक्ति के लिए बढ़ते मोटापे का कारण बन रही है। जिससे निजात पाने के लिए लोग कोई भी तरीका अपनाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। हाल ही में कोस्टा रिका के एक व्यक्ति एडिस मिलर ने वाटर फास्टिंग के जरिए 21 दिनों में अपना 13 किलो वजन कम किया है। उन्होंने वजन घटाने के अपने इस अनुभव को यूट्यूब पर अपलोड करके वाटर फास्टिंग का तरीका और फायदे भी शेयर किए हैं।
कैसे रहा एडिस मिलर का वाटर फास्टिंग का अनुभव-
एडिस मिलर ने अपनी इस वेट लॉस जर्नी पर बात करते हुए बताया कि ‘पहले कुछ दिनों में, मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा शरीर अंदर से क्लीन हो रहा है। मेरा पेट में बहुत गुड़गुड़ हो रही थी, मैं थक गया था’। मिलर कहते हैं कि वाटर फास्टिंग के शुरुआती दिन उनके लिए काफी कठिन थे, जिसमें उन्हें अपने शरीर में लो एनर्जी फील हो रही थी। बावजूद इसके मिलर शुरुआत में दिन भर में घूंट-घूंट करके 4 लीटर पानी पीते रहे। लेकिन कुछ ही दिनों में मिलर को अपनी शुष्क त्वचा और लाल आंखों को देखकर यह अहसास होने लगा कि उनकी बॉडी को अधिक पानी की आवश्यकता है। उन्होंने यूट्यूब पर अपलोड अपने 29 मिनट के वीडियो में कहा, शुरुआत में वाटर फास्टिंग के दौरान मैं हर रोज खुद को शारीरिक रूप से कमजोर महसूस करने के साथ चलने में भी कठिनाई का अनुभव कर रहा था। लेकिन फास्टिंग का 14वां दिन उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण क्षण था। उसने खुद को प्रकृति से जुड़ने के साथ अपने आस-पास की चीजों को भी महसूस करना शुरू किया। यह उसके लिए काफी अच्छी फीलिंग थी।
क्या है वॉटर फास्टिंग?
वॉटर फास्टिंग के दौरान व्यक्ति पानी पीने के अलावा कुछ भी नहीं खा सकता हैं। बता दें वॉटर फास्टिंग ज़्यादातर 24-72 घंटे तक चलती है। लोग वॉटर फास्टिंग को कई कारणों से करते हैं, जिसमें वेट लॉस ,आध्यात्मिक या धार्मिक कारण या फिर सेहत से जुड़ी कोई खास समस्या से राहत पाना शामिल हो सकता है।
वाटर फास्टिंग के फायदें-
वाटर फास्टिंग के फायदे बताते हुए मिलर ने कहा कि वह एक लंबे समय से कोविड -19 से पीड़ित था और अपनी सूंघने की क्षमता से जूझ रहा था। लेकिन वाटर फास्टिंग के दौरान उसे अपनी सूंघने की क्षमता में सुधार होता नजर आया। जो कि उसके लिए अविश्वसनीय है। मिलर ने आगे बताया कि वाटर फास्टिंग से ना सिर्फ उनकी सूंघने की क्षमता बल्कि सुनने की शक्ति में और याददाश्त भी बेहतर हुई है।
सेल्स रिपेयर करने में मदद-
वाटर फास्टिंग ऑटोफैगी को ट्रिगर करता है, जो एक सेलुलर रिपेयरिंग प्रोसेस है, जिसमें शरीर बेकार कोशिकाओं को हटाकर संभावित रूप से बेहतर स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
वेट लॉस-
बढ़ते वजन से परेशान लोगों के लिए यह फास्टिंग एक बढ़िया विकल्प है। इसे लोग मुख्य रूप से वजन घटाने के लिए ही करते हैं।
मेटाबॉलिज्म बेहतर करे-
पानी का नियमित और अच्छी तरह सेवन करने से शरीर में मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया तेज हो जाती है। इससे खाना अच्छी तरह पचता है और शरीर में फैट जमा नहीं होता है। अगर आप इंटरमिटेंट वाटर फास्टिंग करते हैं तो आपको मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
हार्मोन्स रखें कंट्रोल-
वाटर फास्टिंग करने से हंगर हार्मोन्स को कंट्रोल रखने में मदद मिल सकती है। इससे व्यक्ति को भूख कम लगती है और आपका ओवरऑल कैलोरी इंटेक कम हो जाता है। जिससे वजन कम करने में भी मदद मिलती है।
वाटर फास्टिंग के नुकसान-
पोषक तत्वों की कमी-लंबे समय तक फास्टिंग करने से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिसका बुरा असर सेहत पर पड़ सकता है।
इलेक्ट्रोलाइट डिस्बैलेंस-खाने की कमी इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बाधित कर सकती है, जिससे कमजोरी, चक्कर आना या दिल की धड़कन बढ़ सकती है।
घेर सकती हैं ये समस्याएं-लंबे समय तक सिर्फ पानी पीने की वजह से शरीर में एनर्जी की कमी हो सकती है, जिस वजह से थकावट, चक्कर आना जैसी परेशानियां हो सकती है। साथ ही, इस दौरान शरीर में होने वाले इलेक्ट्रोलाइट्स बदलाव ब्लड प्रेशर ज्यादा कम भी कर सकते हैं। जिससे हार्ट एरिथमिया का खतरा भी बढ़ जाता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।

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