इंदौर: महू में अवैध शराब बनाने का अड्डा नष्ट किया गया।पार्टियां और तमाम नेता चुनाव में शराब से वोट खरीदने के आरोपों को झुठलाते आए हैं, लेकिन पंचायत और नगर निगम चुनाव की घोषणा के बाद इंदौर में शराब बिक्री के आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। जून माह के 22 दिनों में ही अब तक 150 करोड़ रुपए की 55 लाख लीटर से ज्यादा शराब बिक चुकी है, जो मई महीने से 20 करोड़ रुपए ज्यादा है।मई में 130 करोड़ रुपए की 50 लाख लीटर शराब बिकी थी। जून महीना खत्म होने में अभी एक हफ्ता बाकी है, यानी इस माह की बिक्री कोई नया रिकॉर्ड भी बना सकती है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक इसे नगर निगम के बजाय पंचायत चुनाव का असर ज्यादा बता रहे हैं, क्योंकि वहां गतिविधियां चरम पर हैं, जबकि शहर में नाम वापसी के साथ चुनावी गतिविधियों ने बुधवार से ही रफ्तार पकड़ी है। आबकारी विभाग के अफसरों को ही इस महीने शराब की बिक्री का आंकड़ा 160 करोड़ रुपए तक जाने की उम्मीद है।50 लाख लीटर शराब बिकी थी मई माह में55 लाख लीटर शराब बिक चुकी है अब तक160 करोड़ तक जा सकता है इस बार बिक्री का आंकड़ा1000 केस बने हैं अवैध शराब बिक्री के ढाई माह मेंग्रामीण क्षेत्रों में हाथ भट्टी की शराब के केस भीपंचायत चुनाव के कारण शहरी क्षेत्र ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी अवैध शराब बिक्री के मामले बढ़ गए हैं। इन क्षेत्रों से हाथ भट्टी की शराब और महुआ की शराब के केस सामने आ रहे हैं। सोमवार को ही आबकारी विभाग ने महू क्षेत्र में चार स्थानों पर छापा मार कर अवैध रूप से शराब बनाने के अड्डे नष्ट किए। यहां से 92 हजार रुपए की अवैध शराब, महुआ आदि जब्त किया गया है।कार्रवाई ग्राम पथरनाला व ग्राम नेउ गुराड़िया में की गई। आबकारी अफसरों के अनुसार पिछले ढाई महीने में ही एक हजार से ज्यादा केस अवैध शराब के पकड़े गए हैं। इनमें शराब की होम डिलीवरी व अवैध रूप से कच्ची शराब बनाने के मामले भी शामिल हैं।दूसरे राज्यों की शराब भी बिक रही इंदौर मेंचुनाव के दौरान बढ़ी खपत के बीच शहर में दूसरे राज्यों की शराब बिकने के मामले भी सामने आए हैं। हाल ही में चंदन नगर की शराब दुकान पर अन्य राज्यों की सस्ती शराब बेचने का मामला सामने आया था। अफसरों को आशंका है कि बाहर से आने वाली शराब मिलावटी भी हो सकती है। दुकान एक महीने के लिए सील कर दी गई है। कुछ दुकानों पर धार से भी शराब आने की बात सामने आई है।चुनाव के लिहाज से सख्ती बढ़ाईजून में शराब की खपत बढ़ी है। इसकी वजह से स्टाक में कमी हो रही है। चुनाव के लिहाज से सख्ती बढ़ाई गई है। बाहर से आने वाली शराब पर भी रोक लगा रहे हैं।

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