भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश (MP) में एक से बढ़कर एक घूमने फिरने वाली जगह है, जहां सालों पर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। यहां की परंपरा अनोखी विरासत पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। मध्य प्रदेश हमेशा ही राजनीति को लेकर मीडिया में चर्चा का विषय बना रहता है। राजधानी भोपाल को लेकर कई सारी ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं, जो आज भी लोगों को याद रहती है। इसके अलावा, एमपी में एक ऐसी सड़क है जो कि गुप्त साम्राज्य के काल से भी पुरानी है।
दरअसल, हम खरगोन से इंदौर की बीच हरियाली, घुमावदार घाटी और पहाड़ियों के बीच बना खूबसूरत मार्ग जाम रोड के बारे में बात कर रहे हैं। जिसका इतिहास 2500 साल से भी ज्यादा पुराना है।
इतिहास
मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक धरोहर बौद्ध काल से जुड़ा हुआ है। इसे आज के दौर में चित्तौड़गढ़ भुसावल नेशनल हाईवे के नाम से जाना जाता है, जो कभी उज्जैन से पैठण को जोड़ने वाला प्राचीन व्यापारिक मार्ग था। इतिहासकारों की मानें तो बौद्ध काल में रेशम, मसाले और धातुओं को व्यापार इसी मार्ग से हुआ करता था। इस मार्ग के इतिहास की बात करें, तो महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने पुराने मार्ग को पुनर्जीवित किया। उन्होंने इस रास्ते की मरम्मत करवाई। साथ ही पहाड़ी पर जाम दरवाजा भी बनवाया, ताकि लोग सुरक्षा और विश्राम कर सके। यह दरवाजा स्थापत्य कला का एक नमूना है।
रानियां करती थीं विश्राम
दरअसल, निमाड़ और मालवा की सीमा पर यह जाम दरवाजा वही स्थान है, जहां से रानियां विश्राम किया करती थी और सेना की गतिविधियों पर नजर रखती थी। हालांकि, आज यह जगह बाइक राइडर्स और ट्रैवलर ब्लॉक के लिए बेहतरीन लोकेशन बन चुकी है। यह मार्ग राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को एक साथ जोड़ता है। यदि आपको कभी मौका मिले तो आप भी यहां जरूर जाएं।
