करनाल: कांस्य पदक के जीतने के बाद जश्न मानती भारतीय टीम।हरियाणा के करनाल जिले के गांव पोपड़ा का छोरा शेखर टूरन ईरान में छाय गया । अंडर-18 वॉलीबॉल की भारतीय टीम में कुछ दिन पहले उसका चयन हुआ था और अब भारत की टीम ईरान (तेहरान) में आयोजित एशियन वॉलीबॉल चैम्पियनशिप में भारत की टीम को कांस्य पदक टीम का दिलाया है। यानी भारती की टीम ने इस चैम्पियनिशप में कांस्य पदक जीत लिया और अब 28, 29 अगस्त भारत की टीम भारत वापसी करेगीं।अपने टीम के सदस्यों के साथ शेखर।16 अगस्त को दी थी थाईलैंड की टीम को मातबातादे कि 16 अगस्त को भारतीय टीम ने रोचक मुकाबले में थाईलैंड को मात दी थी। उसके बाद 18 अगस्त को कोरिया के साथ मुकाबले में भी एकतरफा जीत भारत की टीम ने हासिल की। वहीं 20 अगस्त की शाम को हुए चीनी ताइपे की टीम के साथ कांटे की टक्कर हुई और चीनी ताइपे टीम को हराकर सेमीफाइनल क्वालीफाई किया था। सोमवार को सेमीफाइनल मुकाबला ईरान की टीम के साथ हुआ है। जिसमें ईरान की टीम ने भारत की टीम को हरा दिया। वहीं सोमवार शाम को चैम्पियनशिप में कांस्य पदक के लिए कोरिया की टीम के साथ भारत की टीम का मुकाबला हुआ। जिसमें भारत की टीम ने कोरिया को हराकर कांस्य पदक पर अपना कब्जा किया।टीम की जीत के बाद घर पर जश्न मानते शेखर के परिजन।2003 में जीता जीता था भारत ने अंडर-18 खिताबभारत ने 2003 में एशियाई अंडर-18 लड़कों की वॉलीबॉल चैम्पियनशिप का खिताब जीता था। उसके बाद भारतीय टीम 2005, 2008 में कांस्य पदक जीतने के अलावा 2007 में उपविजेता रही थी। अब 2010 के बाद पहली बार भारत की टीम ने चीनी ताइपे को हराकर सेमीफाइनल में क्वालीफाई किया है। भारतीय टीम की इस जीत से 2023 में अंडर-19 वॉलीबॉल विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई करने में मदद मिलेगी।किसान परिवार से शेखर टूरनबता दें कि करनाल के गांव पोपड़ा के रहने वाला शेखर एक साधारण किसान के परिवार से है। जानकारी देते हुए शेखर के पिता रामफल टूरन ने बताया कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य का खेलों से कोई नाता नहीं रहा है। अपनी मेहनत और काबिलियत के बलबूते शेखर का चयन भारत की वॉलीबॉल अंडर-18 टीम में हुआ था और आज ईरान में भारत की टीम को कांस्य पदक दिलाया है। कांस्य पदक आने पर गांव में खुशी का माहौल है।प्रतियोगिता में कांस्य पदक के बाद ट्राफी दिखाती भारतीय टीम।12वीं कक्षा का विद्यार्थी शेखरशेखर जब चोरकारसा के स्कूल में प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर रहा था तो प्रशिक्षक प्रवीण के नेतृत्व में चांद कौर अकादमी में वॉलीबॉल खेलना शुरू किया था। 17 वर्षीय शेखर की फुर्ती और ऊंचे कद के कारण उसकी वॉलीबॉल में पहचान बनी और बेहतरीन प्रदर्शन के चलते भारतीय खेल प्राधिकरण कुरुक्षेत्र में शेखर का चयन हो गया। फिलहाल शेखर 12वीं का विद्यार्थी है और कुरुक्षेत्र में ही पढ़ाई के साथ-साथ वॉलीबॉल का अभ्यास करता है।सीनियर वॉलीबॉल टीम में खेलने का लक्ष्यशेखर के मामा अरविंदर मेहला ने बताया कि शेखर का लक्ष्य देश की सीनियर वॉलीबॉल टीम में खेलकर मेडल जीतने का है। वॉलीबॉल में बेहतरीन प्रदर्शन करने के कारण ही उसे भारत की अंडर-18 टीम में शामिल किया गया है। शेखर ने बताया कि शनिवार को भारतीय टीम ने चीनी ताइपे से मुकाबला जीत कर सेमीफाइनल में क्वालीफाई कर लिया है। 22 अगस्त को टीम जीत का लक्ष्य लेकर मैदान में उतरेगी। कोच राहुल सांगवान के नेतृत्व में चैंपियनशिप जीतकर 28-29 अगस्त को वापसी करेंगे।

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