गुजरात में तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से जहां नदियां उफान पर हैं, वहीं वडोदरा, महिसागर, खेड़ा, जूनागढ़, भरूच और अहमदाबाद समेत कई जिले और शहर जलमग्न हो गए हैं। बाढ़ जनित घटनाओं की वजह से अब तक राज्य में 16 लोगों की मौत हो चुकी है। शहर से लेकर गांव और गलियों तक पानी भर चुका है। घरों में भी छह से आठ फीट पानी भर चुका है, जिससे पूरे राज्य में कोहराम मचा हुआ है। कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां 10 से 12 फीट तक पानी भर चुका है।
इस बीच कई लोगों ने घर की छतों पर तो कुछ ने ऊंचे स्थानों पर शरण ले रखी है लेकिन वे पिछले तीन दिनों से भूख-प्यास से बेचैन हैं। NDTV की एक ग्राउंड रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा है कि उनके पास ना तो खाने-पानी का सामान है और ना ही शौच का कोई इंतजाम है। एक महिला ने रोते हुए आपबीती बताई कि पिछले तीन दिनों से वह बच्चों के साथ भूखी-प्यासी है। बच्चे रो रहे हैं क्योंकि उसके पास कोई इंतजाम नहीं है और अब तक कोई भी अधिकारी उन तक किसी तरह का कोई राहत सामान लेकर नहीं पहुंचा है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के कुछ हिस्सों में बुधवार को लगातार चौथे दिन भी बारिश जारी है। वहीं, बाढ़ प्रभावित इलाकों में से 8500 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया और इस संकट में केंद्र की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
राहत और बचाव कार्य के लिए अब सेना को भी बुला लिया गया है। अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय तटरक्षक बल मिलकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य संचालित कर रहे हैं। सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि आणंद जिले में मंगलवार को दीवार ढहने से तीन लोगों की मौत हो गई। महिसागर जिले में दो और खेड़ा तथा अहमदाबाद में दीवार ढह जाने की घटनाओं में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। जूनागढ़ और भरूच जिले में बारिश के कारण भरे पानी में डूबने से एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
गुजरात में आज और कल भारी बारिश की चेतावनी, किन जिलों में रेड, कहां ऑरेंज अलर्ट?
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को कुल 169 लोगों को बचाया गया, जिनमें से अधिकतर खेड़ा और मोरबी जिले के निवासी हैं। उन्होंने बताया कि 8460 अन्य लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इनमें नवसारी से लगभग 3,000 तथा वडोदरा और खेड़ा से लगभग एक-एक हजार लोग शामिल हैं। इसी के साथ सोमवार और मंगलवार को दो दिन में 15,000 से अधिक लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।अधिकारियों ने बताया कि गुजरात में पिछले दो दिन में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।
मुख्यमंत्री पटेल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात में भारी बारिश की स्थिति का जायजा लेने के लिए मुझसे फोन पर बात की और राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मनुष्यों और जीव जंतुओं की सुरक्षा के संबंध में बात की तथा केंद्र सरकार की ओर से सभी आवश्यक मदद देने का आश्वासन दिया। पटेल ने कहा, ”प्रधानमंत्री गुजरात में बाढ़ की स्थिति को लेकर चिंतित हैं और लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। गुजरात के लोगों के प्रति उनके दिल में गहरा स्नेह है। प्राकृतिक आपदाओं के दौरान और जब भी आवश्यकता होती है, वह हमेशा गुजरात और राज्य के लोगों के साथ खड़े रहते हैं।”
गुजरात में भीषण बारिश का कहर जारी, 9 और लोगों की मौत; PM मोदी ने CM से की बात
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, सौराष्ट्र क्षेत्र के कई जिलों खासतौर पर देवभूमि द्वारका, जामनगर, पोरबंदर और राजकोट में बुधवार सुबह छह बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि मे बहुत भारी बारिश हुई। इसमें बताया गया कि देवभूमि द्वारका जिले की खंभालिया तालुका में 454 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा हुई, इसके बाद जामनगर में 387 मिमी और जामनगर की जामजोधपुर तालुका में 329 मिमी बारिश हुई।
एसईओसी के मुताबिक, इस अवधि के दौरान राज्य की 251 तालुकाओं में से 13 में 200 मिमी से अधिक तथा 39 में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया तथा निचले इलाकों में जलभराव हो गया। वैसे तो वडोदरा में बारिश रुक गई है, लेकिन विश्वामित्री नदी में बाढ़ आने से शहर के कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। हालांकि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों का राहत-बचाव अभियान जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि मोरबी, आणंद, देवभूमि द्वारका, राजकोट और वडोदरा में राहत एवं बचाव अभियान के लिए सेना की पांच-पांच टुकड़ियों को तैनात किया गया है। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य में 137 जलाशय, झीलें तथा 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है।
पश्चिम रेलवे ने बताया कि बारिश के कारण सड़कें और रेलवे लाइन जलमग्न हो गईं जिससे यातायात और रेलगाड़ियों की आवाजाही भी बाधित हुई। मुंबई जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस समेत आठ ट्रेनें रद्द कर दी गईं और 10 अन्य ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द कर दी गईं। एसईओसी ने बताया कि गुजरात में अब तक औसत वार्षिक वर्षा की 105 प्रतिशत बारिश हो चुकी है, जिसमें बनासकांठा में सभी 33 जिलों में सबसे कम बारिश हुई है। बनासकांठा में औसत वार्षिक वर्षा की 73 प्रतिशत बारिश हुई है। (भाषा इनपुट्स के साथ)

Comments are closed.