Form 16: नौकरीपेशा लोगों के लिए फॉर्म 16 का काफी महत्व है। फॉर्म 16 सर्टिफिकेट किसी कंपनी द्वारा अपने कर्मचारी को जारी किया जाता है, जिसमें कर्मचारी की सैलरी, टैक्स डिडक्शन समेत कई अहम फाइनेंशियल डिटेल्स होती हैं। आमतौर पर फॉर्म 16 वित्त वर्ष खत्म होने के बाद जारी किया जाता है। वित्त वर्ष 2024-25 (ऐसेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए इस साल 15 जून तक फॉर्म 16 जारी किया जाएगा। बताते चलें कि फॉर्म 16 जारी करने की लास्ट डेट 15 जून, 2025 है। एक्सपर्ट बताते हैं कि फॉर्म 16 मिलने के बाद टैक्सपेयर्स को लगे हाथ आईटीआर भी फाइल कर देनी चाहिए।
आईटीआर फाइल करने के प्रोसेस को आसान बनाता है फॉर्म 16
वित्त वर्ष खत्म होने के बाद नौकरीपेशा लोगों को आईटीआर फाइल करना होता है। उदाहरण के लिए 31 मार्च, 2025 को वित्त वर्ष 2024-25 खत्म हुआ। अब टैक्सपेयर्स को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इस साल आईटीआर फाइल करना है। आईटीआर फाइल करने के लिए फॉर्म 16 काफी जरूरी होता है। दरअसल, आपकी कंपनी जो फॉर्म 16 देती है, उसमें आपकी पूरी सैलरी, इनकम, टैक्सेबल इनकम, इंवेस्टमेंट, टैक्स, टीडीएस, अलाउंस, रेंट, बिल, लोन आदि की सारी जानकारी होती है। ऐसे में, फॉर्म 16 के साथ आईटीआर फाइल करना काफी आसान हो जाता है।
फॉर्म 16 मिलने के बाद आईटीआर फाइल करने लगते हैं टैक्सपेयर्स
जो टैक्सपेयर्स लास्ट डेट के झमेले में नहीं पड़ते हैं, वे 15 जून तक फॉर्म 16 मिलने के बाद ही आईटीआर फाइल कर देते हैं। बताते चलें कि कई कंपनियां सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को फॉर्म 16 देती हैं, जिनकी इनकम टैक्सेबल है। जिन लोगों की सैलरी टैक्स के दायरे में नहीं आती है, कंपनियां उन्हें फॉर्म 16 नहीं देती हैं। हालांकि, कंपनियां मांगने पर किसी भी कर्मचारी को फॉर्म 16 दे सकती हैं। कोई भी नौकरीपेशा व्यक्ति, जिसकी इनकम से टीडीएस काटा गया है, वो फॉर्म 16 प्राप्त करने के लिए एलिजिबल होता है, अब चाहे वो टैक्स के दायरे में आता हो या नहीं आता हो।

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