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39 पोस्टरों में समेटा सरदार पटेल का स्वतंत्रता संघर्ष; BHU विश्वनाथ मंदिर में प्रदर्शनी

वाराणसी: BHU के विश्वनाथ मंदिर में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जीवनी बताई गई है। 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की 127वीं जयंती है। इसे लेकर वाराणसी में लौह पुरुष जयंती साप्ताहिक समारोह शुरू हो गए हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में सरदार की पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई है। कुल 39 पोस्टरों पर उनका जीवन और दर्शन दोनाें दिखाया गया है। वहीं, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में आज से संगोष्ठी कार्यक्रम चल रहा है।काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित विश्वनाथ मंदिर परिसर में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 127वीं जयंती पर पोस्टर का अवलोकन करतीं दक्षिण भारतीय पर्यटक।BHU के राष्ट्रीय सेवा योजना से जुडे़ छात्रों की ओर से यह प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें सरदार जी के जीवन और आजादी के संघर्ष से जुड़े कुल 39 पोस्टर और फोटो लगाए गए हैं। इस पोस्टर को देखने के लिए विश्चनाथ मंदिर में छात्रों और दक्षिण भारत से आए पर्यटकों की भीड़ भी है। BHU के रजिस्ट्रार और चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर अभिमन्यु सिंह ने पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।सरदार पटेल के जीवन संघर्ष पर आधारित पोस्टर को देखती महिला।पक्के इरादे वाले नायक थे पटेलअरुणोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल एक दूरदृष्टि और पक्के इरादे वाले राष्ट्र नायक थे। NSS-BHU के कोआर्डिनेटर डॉ. बाला लखेंद्र ने कहा कि 30 अक्टूबर को लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल के व्यक्तित्व और राष्ट्रीय एकता विषय पर निबंध प्रतियोगिता कराई जा रही है। यह पूरा आयोजन विश्वविद्यालय स्थित राष्ट्रीय सेवा योजना भवन में किया जाएगा।सरदार में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी वाली दूरदर्शिता थामहात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के इतिहास विभाग में सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की जयंती पर संगाेष्ठियां हुईं। मानविकी संकाय के प्रमुख प्रो. योगेंद्र सिंह ने कहा कि सरदार वल्लभ में कौटिल्य की कूटनीतिज्ञता और शिवाजी की दूरदर्शिता थी। वह सिर्फ गुजरात के सरदार ही नहीं, बल्कि हर भारतीयों के हृदय के सरदार थे। मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनके सम्मान में गुजरात में 240 मीटर ऊंची स्टैचू ऑफ यूनिटी ऊंचाई बनाई गई। इसके बाद अहमदाबाद हवाई अड्डे का नामकरण सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र रखा गया। कार्यक्रम में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

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