विश्व प्रसिद्ध गोरखपुर गीताप्रेस के 100 साल पूरे हो गए। ऐसे में गीताप्रेस की ओर से मनाए जा रहे शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल होने इस बार राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद 4 जून को गोरखपुर आएंगे। 4 जून की शाम 5 बजे राष्ट्रपति यहां आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करेंगे। करीब एक घंटे तक यानी कि 6 बजे तक वे गीताप्रेस में रहेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनका स्वागत करेंगे।
कार्यक्रम को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय से ई-मेल द्वारा सोमवार की शाम इसकी सूचना गीताप्रेस पहुंची। सूचना मिलते ही गोरखपुर के डीएम विजय किरन आनंद ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों संग गीताप्रेस पहुंचकर व्यवस्था के बारे में जानकारी ली।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद गीताप्रेस में पहली बार आर्ट पेपर पर प्रकाशित ‘विशिष्ट श्रीरामचरितमानस’ व गीताप्रेस के संस्थापक सेठजी जयदयाल गोयंदका द्वारा लिखी गीता पर टीका ‘तत्व विवेचनी’ के परिवर्धित संस्करण का लोकार्पण करेंगे। श्रीरामचरितमानस 305 रंगीन चित्रों के साथ प्रकाशित किया गया है। दरअसल, गीता प्रेस की स्थापना 14 मई 1923 को जय दयाल गोएंका ने की थी। जिसका उदे्श्य घर-घर में श्रीमद्भगवत गीता को पहुंचाना रहा है। इस प्रक्रिया में अब तक 80 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकें गीता प्रेस से छप चुकी हैं। 96 वर्ष से निरंतर चल रही कल्याण पत्रिका की भी 15 करोड़ से अधिक प्रतियां अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं। विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस अब तक 80 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकें और 15 से अधिक कल्याण पत्रिका के अंक प्रकाशित कर चुका है। गीता प्रेस 18 भाषाओं में 1800 तरह की पुस्तकों का प्रकाशन करता है।
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