सिवनी: सिवनी शहर सीमा से लगे कई स्कूल भवनों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। स्कूल की दीवारों से बारिश का पानी कहीं लीकेज हो रहा है तो कहीं छत का प्लास्टर गिर रहा है। प्लास्टर के गिर जाने और कुछ जगहों का प्लास्टर गिरने की कगार में है। जमीन पर बैठे छात्र-छात्राएं डर के साये में पढ़ने मजबूर हैं। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा घट जाए, इससे इंकार नहीं किया जा सकता।शिक्षकों को भी चिंताशहर सीमा से लगी शासकीय प्राथमिक शाला राघादेही स्कूल भवन के एक कक्ष की छत का प्लास्टर गिर गया। वहीं उस कमरे में पढ़ाई करने फर्श में बैठे विद्यार्थियों की निगाहें छत पर लगी रहती हैं कि कहीं प्लास्टर उनके ऊपर ना गिर जाए। भयभीत बच्चों का मन पढ़ाई में पूरी तरह से नहीं लगता। वहीं विद्यार्थियों को विद्या अध्ययन करा रही शिक्षिका भानु बघेल गौतम भी क्षतिग्रस्त कमरे और लीकेज को लेकर चिंतित हैं।43 वर्ष पुराना है स्कूल भवनगांव राघादेही के शासकीय प्राथमिक शाला भवन का निर्माण वर्ष 1979 हुआ था। शाला भवन लगभग 43 वर्ष पुराना हो चुका है। भवन की जर्जरता के विषय में स्कूल के प्रधान पाठक बसंत चौरसिया ने बताया कि प्लास्टर गिरने और बारिश में स्वीकृत की जानकारी जन शिक्षक मुकेश नेमा और अनीता झारिया सहित बीआरसी को दे दी गई। इसके बाद भी इस मामले में कोई गंभीर नजर नहीं आ रहा है।स्कूल में दर्ज विद्यार्थियों की संख्या 47शासकीय प्राथमिक शाला राघादेही में वर्तमान में 47 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। जिसमें कक्षा पहली में 8, कक्षा दूसरी 10, तीसरी में 7, चौथी और पांचवी में 11-11 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं। गांव के ग्रामवासियों, अभिभावकों ने नवनिर्मित स्कूल भवन बनाने की मांग शासन प्रशासन से की है।वहीं बीआरसी सुनील राय का इनका कहना है कि पहले अत्यधिक जर्जर स्कूल भवनों के विषय में विचार चल रहा है। इसके बाद अन्य स्कूलों पर ध्यान दिया जाएगा। मुंगवानी खुर्द स्कूल की जर्जरता के चलते ग्राम पंचायत भवन में स्कूल संचालित किया जाएगा। वहीं राघादेही स्कूल का मामला संज्ञान में है।

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