शहर में रोज 60 क्विंटल पॉलीथिन बैग हो रहे यूज, व्यापारी बोले-चालान काटे तो जताएंगे विरोध, पहले फैक्ट्रियां हों बंद
सिरसा। सब्जियों की दुकानों पर धड़ल्ले से बिक रहा पॉलीथिन।नप ने बैन के बाद सिर्फ एक दिन चलाया था अभियान, 10 दिन का दिया था समय जो हो चुका पूरा, अब फिर चालान काटने की तैयारीसिंगल यूज प्लास्टिक एक जुलाई से बैन हो चुका है। लेकिन शहर में धड़ल्ले से यूज हो रहा है। क्योंकि शहर में प्रतिदिन करीब 60 क्विंटल थैली पैकिंग में पॉलीथिन बैग का प्रयोग हो रहा है। मगर नगर परिषद के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि सिंगल यूज के साथ पॉलीथिन को बैन करना। साथ ही 100 माइक्रोन से पतले पीवीसी व प्लास्टिक के बैनर भी बैन हैं।नप प्रशासन ने फिर से बाजारों में चालान काटने के तैयारी कर ली है। जबकि व्यापारी दुकानें बंद कर इसका विरोध जताएंगे। सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर नप ने एक दिन अभियान चलाया। जिसमें साढ़े 14 किलो पॉलीथिन जब्त कर 8 दुकानों के चालान काटे। वहीं 56 हजार रुपये जुर्माना भी ठोका।इस दौरान टीम के साथ कई दुकानदारों की बहसबाजी भी हुई। अगले ही दिन व्यापारी एकत्रित होकर नप कार्यालय पहुंचे। ईओ से दुकानदारों ने 10 दिन तक चालान न काटकर जागरूक करने का आह्वान भी किया। लेकिन शहर में लोग दुकानों व रेहड़ियों पर बेखौफ होकर पॉलीथिन का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसे लेकर नप प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गंभीर दिखाई नहीं दे रहा।नप प्रशासन की ओर से दुकानदारों को दी गई मोहलत भी खत्म हो चुकी है। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने में विभाग कितना गंभीर है। वहीं गांव हो या फिर शहर हालात यह हैं कि हर रेहड़ी वाले से लेकर दुकानदार तक धड़ल्ले से इसके बिक्री कर रहा है।एक अनुमान के मुताबिक हर महीने जिले में 300 क्विंटल से अधिक सिंगल यूज प्लास्टिक की खपत हो रही है। शहर में ही अनेक दुकानदारों के पास भारी मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक का स्टॉक उपलब्ध है। शहर में जूस, जलजीरा समेत अन्य पेय पदार्थों की रेहड़ी या दुकानों पर डिस्पोजल गिलासों में ही पेय पदार्थ डालकर दिए जा रहे हैं।कोरोना काल में बढ़ा डिस्पोजल का प्रचलनकोविड के दौरान डिस्पोजल गिलास या प्लेट का अधिक प्रचलन हुआ। जिस रेहड़ी या दुकान में डिस्पोजल में खाने की चीजें नहीं मिलती थी, ऐसी दुकानों पर लोग संक्रमण फैलने के डर से जाना भी पसंद नहीं करते थे। अब देखते ही देखते डिस्पोजल आमजन की रूटीन इस्तेमाल में जगह बना गया। इस कारण सिंगल यूज डिस्पोजल का कारोबार भी चमक गया और ज्यादातर करियाना, जूस, रेस्तरां, दूध की डेयरी, कनफेक्शनरी समेत अन्य दुकानों के मालिक इसे स्टॉक करने लगे।हर माह 50 लाख के सिंगल यूज प्लास्टिक की खपतएक अनुमान के मुताबिक शहर में प्रतिमाह 300 क्विंटल से भी अधिक की खपत होती है। इसकी कीमत करीब 50 लाख रुपये बनती है। इसके साथ ही सफाई कर्मचारी जब शहर में से डोर टू डोर कचरा कलेक्ट करते हैं तो इसमें रोजाना साढ़े 3 टन सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा मिलता है। इसको सेग्रीफाई करने में भी काफी दिक्कत होती है। नप के अधिकारियों का कहना है कि यदि कचरे में पॉलीथिन न हो तो कचरे का निष्पादन भी आसानी से हो जाता है।व्यापारी दुकानें बंद कर उतरेंगे सड़कों परव्यापार मंडल के जिला प्रधान हीरालाल शर्मा का कहना है कि अगर नप प्रशासन की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर चालान काटे गए तो वे दुकानें बंद कर इसका विरोध जताएंगे। उन्होंने कहा कि पहले सरकार सिंगल यूज बनाने वाली फैक्ट्रियों को बंद करे। वीटा के उत्पादों में यूज हो रही पॉलीथिन बैन हो। इसके बाद सभी व्यापारी भी सिंगल यूज प्लास्टिक बेचना बंद कर देंगे। सरकार इसका परमानेंट हल निकाले।जानिए… क्या-क्या हैं नुकसान1. हवा में प्रदूषण: प्लास्टिक कचरा नष्ट नहीं होता है। अक्सर कई स्थानों पर इसे जलाया जाता है। इससे वायु प्रदूषण होता है। 2. पानी निकासी: प्लास्टिक की थैली सीवरेज लाइन ड्रेनेज लाइन में फंसने से पानी निकासी ठप होती है। 3. जमीन: प्लास्टिक नष्ट नहीं होता। 50 माइक्रोन से पतला प्लास्टिक सूखकर टूटता है। धरती में मिलने से भूजल विषैला होता है।प्लास्टिक पर प्रतिबंध कामयाब रहा तो ये होंगे फायदे1. सिंगल यूज प्लास्टिक सालों तक नष्ट नहीं हाेता है। जाे पर्यावरण काे दूषित करता है। इसका प्रयाेग न करने से पर्यावरण में सुधार हाेगा। 2. सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी पॉलीथिन व अन्य वस्तुएं अमूमन लाेग खुले में फेंक देते हैं। इससे यह प्लास्टिक नाले, नालियों व सीवर में चला जाता है। इससे सीवर जाम हो जाते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का यूज न हाेने से इस समस्या का समाधान हाे सकेगा। 3. सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग इंसान ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों व जमीन के लिए भी घातक है। शहर में हर वर्षों अनेक आवारा पशुओं की पाॅलीथिन निगलने से माैत हाे जाती है। इसका उपयाेग न हाेने से आवारा पशु बीमार नहीं हाेंगे।सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर शहर में फिर चालान काटे जाएंगे। दुकानदारों व लोगों को पंफलेट व रैली निकालकर जागरूक किया गया है। दुकानदारों ने 10 दिन की मोहलत मांगी थी। जो पूरी हो गई है। अब अभियान चलाया जाएगा।”

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