मैरिटोरियस स्कूलों में इस साल 12वीं की 61 % सीटें रहेंगी खाली, क्योंकि 907 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाई, 171 पास,468 फेल,268 परीक्षा देने नहीं पहुंचे
जालंधर: मैरिटोरियस स्कूलों में दाखिले के लिए एंट्रेस टेस्ट के नतीजे घोषित हो गए हैं। अब इन स्कूलों में दाखिले के लिए काउंसलिंग प्रकिया शुरू होगी। शिक्षा बोर्ड की ओर से घोषित नतीजों में इस साल 12वीं के लिए केवल 171 बच्चे ही परीक्षा पास कर पाए हैं और इन उम्मीदवारों को काउंसलिंग के बाद एडमिशन मिलेगा। सभी 10 मेरिटोरियस स्कूलों में 11वीं-12वीं में विभिन्न स्ट्रीम की कुल 9,200 सीटें हैं।कोविड के कारण 2020 में दाखिले व परीक्षाएं नहीं हुईं। 12वीं में विद्यार्थियों को दाखिले के लिए एग्जाम लिया गया था, लेकिन इसके बावजूद 12वीं की सीटें खाली रहेंगी। इस साल 12वीं में दाखिले के लिए 907 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाई, जिसमें 171 पास और 468 फेल हुए। 268 परीक्षा देने नहीं पहुंचे। 1786 विद्यार्थी 12वीं में हैं। कुल 4600 सीटों के लिए 1786 यानी 61 % सीटें ही भरेंगी।पिछले साल सबसे ज्यादा बठिंडा में बच्चों ने ली एडमिशनQ. पंजाब में कितने मैरिटोरियस स्कूल चल रहे?-10 जिलों में 10 मैरिटोरियस स्कूल हैं। 2021 में सबसे ज्यादा बठिंडा में एडमिशन हुए।Q. यहां एडमिशन लेने का प्रोसेस?10वीं में जनरल कैटेगरी को 70% और रिजर्व कैटेगरी को 65% अंक जरूरी है। तलवाड़ा में 9वीं में भी दाखिला होता है। 8वीं के बाद रजिस्ट्रेशन हो सकता है। एंट्रेंस टेस्ट क्लियर होने पर एडमिशन मिलता है।Q. विद्यार्थियों को अपने जिले में एडमिशन मिलेगा?काउंसलिंग के रिजल्ट पर निर्भर है। सरकार तय करती है किसे कहां एडमिशन मिलेगा।Q. विद्यार्थियों को यहां एडमिशन का लाभ?रहना,खाना-पीना सरकार वहन करती है। लाइब्रेरी और पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर मिलता है।Q. क्यों शुरू किया गया प्रोजेक्ट?गरीब बच्चों को भी क्वालिटी एजुकेशन का फायदा मिले।कोराेना के चलते 2021 में 12वीं में दाखिले नहीं हुएपिछले वर्षों में अनदेखी से सीटें भी पूरी नहीं भर पाई हैं। 2021 में 12वीं में दाखिले नहीं हुए और इसी वजह से इस साल 12वीं में विद्यार्थियों को दाखिले के लिए एग्जाम लिया गया है, ताकि बाकी खाली सीटें भरी जा सकें। 2021 में मैरिटोरियस स्कूल में दाखिले के लिए 80% की बजाय नंबर कम करके जनरल कैटेगरी के लिए 70%, रिजर्व कैटेगरी के लिए 65% तय किए थे।12वीं की खाली सीटें भरने का अभी कोई प्लान नहींआमतौर पर विद्यार्थी जहां से 11वीं करते हैं, उसी स्कूल में 12वीं के लिए दाखिला लेते हैं। इसलिए भी बच्चों ने 12वीं में दाखिले के लिए कम उत्साह दिखाया है। एंट्रेस टेस्ट कड़ा होने से कम बच्चे पास हुए हैं। इसलिए जितने बच्चे पास हुए हैं, उन बच्चों को ही 12वीं में दाखिला दिया जाएगा। खाली सीटें भरने का कोई प्लान नहीं है।

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