चरखी दादरी: रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम के तहत बारिश का पानी एकत्रित करते हुए सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी।पानी बचाने के लिए घर में बनवाए रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक, 15 हजार लीटर है संग्रहण क्षमताजलशक्ति अभियान तभी सफल हो सकता है, जब हमारे घर-घर में वर्षा जल संचय के लिए टैंक बनाए जाएं या बोरिंग का पाइप लगाकर भूजलस्तर में सुधार का प्रयास किया जाए। जिला प्रशासन की इस मुहिम से प्रेरित होकर अनेक बुद्धिजीवी व जागरूक लोगों ने अपने मकान में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाने शुरू कर दिए हैं।इसी का एक उदाहरण है कस्बा झोझूकलां में सेवानिवृत्त खंड शिक्षा अधिकारी दयानंद सनसनवाल का मकान। वर्ष 2020 में रिटायरमेंट होने के बाद दयानंद सनसनवाल ने झोझू के स्टेडियम रोड पर करीब दो सौ गज जमीन में अपना मकान बनवाना शुरू किया। मकान बनवाते समय उन्होंने इस बात का भी ध्यान रखा कि घर में बरसाती पानी को एकत्रित करने के लिए एक टैंक जरूर बनवाया जाए।इसके लिए उन्होंने घर की छत को साफ-सुथरा रखने के लिए उस पर प्लेन टाईलें बिछवाई हैं। घर के सभी सदस्यों को यह ताकीद दी गई है कि छत को गंदा ना करें। इस छत से बारिश का पानी पाईप से एक हौद में आता है और उस हौद से पाईप को जोडक़र पानी को घर के टैंक में एकत्रित किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि यह टैंक दस बाई आठ फुट का है और इसकी गहराई 6 फुट की है। इसमें तकरीबन 15 हजार लीटर पानी के भंडारण की क्षमता है। सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी ने बताया कि वह आमतौर पर स्कूल में बच्चों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करते और इसके लिए जनचेतना रैली, चित्रकला, भाषण आदि प्रतियोगिता आदि का आयोजन होता था।उन्होंने यह गंभीरता से विचार किया कि जो शिक्षा बच्चों को दी, उस पर खुद भी अमल किया जाए। इसीलिए उनके मकान में वर्षा जल संचय के लिए बड़ा टैंक बनाया गया है। जिस पर करीब बीस हजार रूपए की लागत आई है। नल के पानी का घर में आठ बाई चार का अलग टैंक बनाया गया है। आसपास के क्षेत्र में दयानंद के मकान को देखकर कुछ और लोगों ने भी अपने घरों में यह टैंक बनवाने का विचार किया है।

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