
बिजली बिल
विस्तार
गर्मी की तपिश के बाद अब बिजली का बिल पसीना छुड़ाने को तैयार है। दिल्ली में बिजली के दामों में बढ़ोतरी होने जा रही है। नई दर एक मई से तीन महीने के लिए लागू रहेगी। इसके बाद दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) बिजली कंपनियों की याचिका के हिसाब से बिजली की कीमतें तय करेगा। हालिया बढ़ोत्तरी पॉवर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट (पीपीएसी) के तहत की गई है। बिजली बिल बढ़ने से राजनीति भी गरम है। भाजपा ने इसके लिए दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, सरकार ने कहा है कि इस तरह की कोई वृद्धि नहीं हुई है।
बिजली आपूर्ति कंपनी बीवाईपीएल के इलाकों में 6.15 फीसदी की बढ़ोतरी और बीआरपीएल में 8.75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह उत्तरी दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी टाटा पावर और लुटियन की दिल्ली में आपूर्ति करने वाली एनडीएमसी ने भी बिजली की कीमतें बढ़ी हैं। बीवाईपीएल के इलाके में पूर्वी और सेंट्रल दिल्ली के हिस्से आते हैं और बीआरपीएल के इलाके में दक्षिणी दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति की जाती है। एनडीएमसी के लिए कुल पीपीएसी लागत सबसे ज्यादा है।
बिजली कंपनियों की दलील
बिजली कंपनियों का कहना है कि पीपीएसी हर तीन महीने पर बढ़ता है। इसके लिए बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनी पहले ही बिजली खरीद पर खर्च कर देती है। ग्राहकों से यह चार्ज बाद में लिया जाता है। केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार ही पीपीएसी लिया जाता है। एनटीपीसी में जब बिजली उत्पादन का खर्च बढ़ जाता है तो बिजली खरीद में भी इसका असर पड़ता है। किसी तरह का टैरिफ नहीं मिलता है इसलिए इसका बोझ ग्राहकों पर पड़ता है। गुजरात में सबसे अधिक पीपीएसी करीब 50 प्रतिशत तक वसूला जाता है।
कुल बिजली बिल का बोझ
मई से जुलाई बीआरपीएल बीवाईपीएल टीपीडीडीएल एनडीएमसी
पीपीएसी बकाया 27.08 फीसदी 31.60 फीसदी 29.12 फीसदी 30 फीसदी
अतिरिक्त 8.75 फीसदी 6.15 फीसदी 8.75 फीसदी 8.75 फीसदी
कुल 35.83 फीसदी 37.75 फीसदी 37.88 फीसदी 38.75 फीसदी
बिजली इस्तेमाल करने के लिए अभी तक उपभोक्ता बीआरपीएल के उपभोक्ता 27.08 फीसदी पीपीएसी दे रहे थे। अब इसमें 8.75 फीसदी अतिरिक्त जुड़ जाएगा। इस तरह से कुल बिजली बिल पर 35.83 फीसदी अधिक राशि उपभोक्ताओं को देनी होगी। इसी तरह अन्य बिजली कंपनियों से बिजली ले रहे उपभोक्ताओं को भी 6.15 फीसदी से 8.75 फीसदी तक अधिक बिल चुकाना होगा। इसमें एनडीएमसी इलाके में रहने वाले लोगों पर अधिक भार पड़ेगा। क्योंकि वे अभी तक कुल बिजली बिल पर 30 फीसदी दर से बिल जमा कर रहे थे अब इसमें 8.75 फीसदी का इजाफा हो जाएगा। इस इलाके में कुल पीपीएसी 38.75 फीसदी देना होगा।
डीईआरसी विनियमन के अनुसार, यदि किसी तिमाही के लिए पीपीएसी 10 फीसदी से अधिक है, तो डिस्कॉम को उपभोक्ता के बिलों में 8.75 फीसदी तक पीपीएसी स्वतः लगाने की अनुमति है और वसूल न किए गए शेष पीपीएसी के लिए डिस्कॉम को अंतर पीपीएसी दावे के लिए डीईआरसी की पूर्व स्वीकृति के लिए अलग से याचिका दायर करनी पड़ती है।

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