उज्जैन। प्रतिवर्ष शिप्रा तट रामघाट से निकलने वाली शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा इस वर्ष पंचायत और निकाय चुनाव की आचार संहिता के कारण नहीं निकलेगी। गंगा दशहरे के अवसर पर 9 जून को मां शिप्रा को चुनरी अर्पित कर पूजन अर्चन किया जाएगा।प्रतिवर्ष शहर में शिप्रा तट से प्रारंभ होने वाली शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा इस बार आयोजित नहीं होगी। यह परिक्रमा यात्रा करीब 52 किलोमीटर की होती है। यात्रा के दौरान यात्री शिप्रा किनारे आने वाले मंदिरों में दर्शन पूजन करते हैं। यात्रा के लिए 2 दिन ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।आचार संहिता के कारण नहीं निकलेगी यात्राहालांकि बीते 2 वर्ष कोरोनावायरस के कारण भी शिप्रा तीर्थ यात्रा का आयोजन नहीं हो सका था। इस वर्ष भी त्रिस्तरीय पंचायत और निकाय चुनाव के लिए लगी आचार संहिता के चलते परिक्रमा यात्रा नहीं निकलेगी। कैबिनेट मंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि इस वर्ष चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण गंगा दशहरे पर निकलने वाली शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा आयोजित नहीं की जा रही है । 9 जून को शाम 5 बजे राम घाट पर समिति की ओर से मां शिप्रा का पूजन कर चुनरी अर्पण का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस दौरान मां शिप्रा का पूजन अर्चन कर सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की जाएगी।ऐसी होती है परिक्रमा यात्रा2 दिन की यात्रा में 52 किलोमीटर का सफर शिप्रा तीर्थ परिक्रमा यात्रा में श्रद्धालु 2 दिन में 52 किलोमीटर का सफर तय करते हैं। यात्रा के पहले दिन नरसिंह घाट , आनंदेश्वर मंदिर, जगदीश मंदिर, गऊघाट , जंतर मंतर, बरूनेश्वर , प्रशांति धाम होकर त्रिवेणी पहुंचकर दोपहर में विश्राम करते हैं। इसके बाद यात्रा शनि मंदिर , गोठड़ा, सिकंदरी, दाऊद खेड़ी, चांद मुख, चिंतामन , मंगरोला, लाल पुल होते हुए भूखी माता मंदिर के समीप गुरुद्वारा नानक देव घाट पर पहुंचती है। दूसरे दिन फिर 25 किलोमीटर की यात्रा शाम तक पूर्ण कर श्रद्धालु वापस राम घाट पर पहुंचते है।
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5603000cookie-check9 जून को गंगा दशहरे पर मां शिप्रा को चुनरी अर्पित की जाएगी
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