Share on Google+
Share on Tumblr
Share on Pinterest
Share on LinkedIn
Share on Reddit
Share on XING
Share on WhatsApp
Share on Hacker News
Share on VK
Share on Telegram
50F64F81645A2A453ED705C18C40448C
हेडलाइंस
IND vs ENG: टीम इंडिया ने रच दिया इतिहास, गेंद से दिखा क्रांति का कमाल; सीरीज को किया अपने नाम अब और हसीना हो गई है 'तारक मेहता' के बागा की झल्ली सी बावरी, कभी टॉर्चर से तंग आकर करने वाली थी आत्महत्या Trump aide meets Imran Khan's sons in US, calls for end to 'political prosecutions' Uttarakhand CM Dhami extends wishes on the occasion of Shravan Shivratri Post Office की इस स्कीम में मिल रहा है सबसे ज्यादा ब्याज, गारंटीड रिटर्न के साथ बनेगा पैसे से पैसा Thousands of devotees flock to Shiva temples today in UP's Varanasi, Prayagraj and Baghpat Kharge sums up oppn mood: It is 'neither happy, nor sad' | India News भारत को इतिहास पलटना होगा! जिस मैदान पर आजतक नहीं जीता भारत आज से उसी मैदान पर खेला जाएगा चौथा टेस्ट मैच Biihar: Kodha Gang Active In Hajipur, Chain Snatching At 3 Places In A Week - Amar Ujala Hindi News Live Vande Bharat Via Bareilly Will Be Operational By The End Of The Year - Amar Ujala Hindi News Live

दक्षिण एशिया का हाल! यहां इस वजह से हर साल 6,500 से अधिक किशोरियों की हो जाती है मौत


Girls die in child birth in South Asia- India TV Hindi

Image Source : FILE AP
Girls die in child birth in South Asia

काठमांडू: दक्षिण एशिया में बच्चे को जन्म देने के दौरान हर साल करीब 6,500 किशोरियों की मौत होती है। इनमें से अधिकतर नाबालिग होती हैं। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) के संयुक्त विश्लेषण में यह बात कही गई है। विश्लेषण के अनुसार, दक्षिण एशिया में 29 करोड़ बालिका वधू (Child Bride) हैं जो पूरे विश्व में ऐसी वधुओं का करीब आधा हिस्सा है। शुक्रवार को यहां समाप्त हुए दो दिवसीय ‘दक्षिण एशिया क्षेत्रीय किशोरी गर्भधारण संवाद’ में दक्षेस के देशों, यूनिसेफ दक्षिण एशिया, यूएनएफपीए और डब्ल्यूएचओ ने अपनी संयुक्त विज्ञप्ति में दक्षिण एशिया में प्रति साल बच्चों को जन्म देने वाली 22 लाख से अधिक लड़कियों के लिए अहम सेवाएं उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्धता बढ़ाने का आह्वान किया। 

दक्षेस महासचिव ने क्या कहा

दक्षेस महासचिव राजदूत गोलाम सरवर ने कहा, ‘‘किशोरी गर्भधारण में कमी लाने में इन वर्षों में दक्षेस क्षेत्र में हुए सुधारों के लिए मैं सरकारों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों और प्रबुद्ध समाज की भूमिका की सराहना करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इस क्षेत्र को अब भी लंबा सफर तय करना है। मैं सभी से दक्षेस क्षेत्र में बाल विवाह, किशोर स्वास्थ्य शिक्षा की सुलभता और किशोर जनसंख्या के प्रबंधन में सामाजिक दाग को हटाने समेत मूल समस्याओं के समाधान का आह्वान करता हूं।’’ 

भयावह हैं हालात

संयुक्त विश्लेषण के मुताबिक, दक्षिण एशिया में हर साल करीब 6,500 किशोरियां बच्चों को जन्म देने के दौरान मर जाती हैं। जब बालवय लड़कियां बच्चे को जन्म देती हैं तो उनकी जान जोखिम में पड़ जाने की आशंका होती है क्योंकि वो जन्म देने के लिए शारीरिक रूप से परिपक्व नहीं होती हैं। हजारों अन्य लड़कियों को बीच में ही स्कूल की पढ़ाई छोड़ देने, सामाजिक कलंक, अस्वीकृति, हिंसा तथा जीवनभर सामाजिक चुनौतियों का सामना करने के लिए बाध्य कर दिया जाता है। दक्षिण एशिया में 49 प्रतिशत किशोरियां शिक्षा, रोजगार या प्रशिक्षण में नहीं होती हैं जो दुनिया में इस क्षेत्र में ऐसी किशोरियों की सर्वाधिक संख्या है। 

‘करने होंगे बेहतर प्रयास’ 

यूनिसेफ के दक्षिण एशिया मामलों के क्षेत्रीय निदेशक संजय विजेसेकरा ने कहा, ‘‘हमें किशोरियों खासकर विवाहित, गर्भवती या मां बन चुकी लड़कियों के लिए बेहतर प्रयास करना चाहिए। सीखने, अच्छी स्वास्थ्य सेवा पाने और पौष्टिक भोजन खाने में बाधाओं के अलावा, उन्हें कौशल विकसित करने और व्यवसाय शुरू करने के अवसर से वंचित किया जाता है – माता-पिता के रूप में उन्हें अपनी क्षमता को पूरा करने और आगे बढ़ने के लिए जो कुछ भी चाहिए उनसे उन्हें वंचित कर दिया जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें दक्षिण एशिया में 17 करोड़ से अधिक किशोर लड़कियों की संभावनाओं को पूरा करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए और उनकी खातिर अवसरों में निवेश करना चाहिए। ऐसा करना इस क्षेत्र के लिए परिवर्तनकारी होगा।’’ (भाषा)

यह भी पढ़ें:

दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने निकाल दी उत्तर कोरिया की हेकड़ी, जानिए आखिर किया क्या?

भारत की जनसंख्या को लेकर सामने आए दिलचस्प आंकड़े, सदी के अंत तक इतनी घट जाएगी आबादी

Latest World News





Source link

1188380cookie-checkदक्षिण एशिया का हाल! यहां इस वजह से हर साल 6,500 से अधिक किशोरियों की हो जाती है मौत
Artical

Comments are closed.

IND vs ENG: टीम इंडिया ने रच दिया इतिहास, गेंद से दिखा क्रांति का कमाल; सीरीज को किया अपने नाम     |     अब और हसीना हो गई है ‘तारक मेहता’ के बागा की झल्ली सी बावरी, कभी टॉर्चर से तंग आकर करने वाली थी आत्महत्या     |     Trump aide meets Imran Khan’s sons in US, calls for end to ‘political prosecutions’     |     Uttarakhand CM Dhami extends wishes on the occasion of Shravan Shivratri     |     Post Office की इस स्कीम में मिल रहा है सबसे ज्यादा ब्याज, गारंटीड रिटर्न के साथ बनेगा पैसे से पैसा     |     Thousands of devotees flock to Shiva temples today in UP’s Varanasi, Prayagraj and Baghpat     |     Kharge sums up oppn mood: It is ‘neither happy, nor sad’ | India News     |     भारत को इतिहास पलटना होगा! जिस मैदान पर आजतक नहीं जीता भारत आज से उसी मैदान पर खेला जाएगा चौथा टेस्ट मैच     |     Biihar: Kodha Gang Active In Hajipur, Chain Snatching At 3 Places In A Week – Amar Ujala Hindi News Live     |     Vande Bharat Via Bareilly Will Be Operational By The End Of The Year – Amar Ujala Hindi News Live     |    

9213247209
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9907788088