Paris Olympics 2024, Special Day For Vinesh, Phogat Family Wait For Olympic Medal After 24 Years May End – Charkhi Dadri News

विनेश से मिलीं पीटी उषा
– फोटो : PTI
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पेरिस ओलंपिक में विनेश फौगाट के साथ दुर्भाग्यवश हुए घटनाक्रम में खेल पंचाट आज रात करीब साढ़े नौ बजे अपना फैसला सुनाएगा। इस फैसले पर विनेश और फोगाट परिवार के साथ-साथ हर देशवासी की उम्मीद टिकी है। खेलप्रेमी बेसब्री से इस प्रकरण में फैसला आने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, मंगलवार का दिन विनेश के लिए खास साबित हो सकता है। कारण यह कि अगर उन्हें रजत पदक मिलता है तो फिर फोगाट परिवार का ओलंपिक पदक का 24 साल का लंबा इंतजार खत्म हो सकता है।
बता दें कि विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक में पदक की प्रबल दावेदारी मानी जा रही थीं। अपनी ख्याति के अनुसार उन्होंने ओलंपिक में प्रदर्शन करते हुए एक दिन में लगातार तीन बाउट जीतकर फाइनल में प्रवेश किया। निर्णायक बाउट से एक दिन पहले उनका वजन 100 ग्राम अधिक मिला और विनेश को अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसके बाद से उनके रजत पदक पर संशय बरकरार है। देशवासी पिछले चार दिन से खेल पंचाट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
विनेश के ताऊ एवं द्रोणाचार्य अवॉर्डी पहलवान महाबीर फोगाट ने बताया कि पूरे परिवार समेत देश की निगाहें मंगलवार को आने वाले फैसले पर टिकी हैं। उन्होंने बताया कि पूरी उम्मीद है कि विनेश को रजत पदक मिल जाए। उन्होंने कहा कि खेल पंचाट इस मामले में फैसले की तारीख दो बार आगे बढ़ा चुका है। यही कारण है कि पदक की उम्मीद भी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि अगर विनेश को रजत पदक मिल जाता है तो पेरिस ओलंपिक में देश को दूसरा रजत और सातवां पदक मिलेगा।
महाबीर के अखाड़े में अभ्यास हुआ शुरू
विनेश के अयोग्य घोषित होने और उसके बाद उनके संन्यास लेने की घोषणा करने के बाद से ही बलाली स्थित पहलवान महाबीर फोगाट के अखाड़े में कुश्ती का अभ्यास बंद था। राहत की बात यह है कि रविवार से युवाओं ने यहां दोबारा अभ्यास करना शुरू कर दिया है। महाबीर फोगाट ने बताया कि सुबह छह बजे और शाम को पांच बजे युवा उनके अखाड़े में अभ्यास करने के लिए पहुंच रहे हैं।
पदक मिला तो प्रण पूरा करने के लिए एयरपोर्ट पर जाएंगे महाबीर फोगाट
फौगाट परिवार के करीबी लोगों की मानें तो पहलवान महाबीर फोगाट ने प्रण ले रखा है कि जब भी उनका कोई शिष्य या बेटी ओलंपिक पदक लाएगी तो ही वह उन्हें लेने दिल्ली एयरपोर्ट जाएंगे। गीता, बबीता व विनेश समेत उनके अन्य शिष्य अब तक ओलंपिक पदक नहीं जीत पाए हैं। यही कारण है कि महाबीर कभी उन्हें लाने एयरपोर्ट पर नहीं गए। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर विनेश को पदक मिला तो फिर महाबीर फौगाट अपना प्रण पूरा करते हुए उन्हें लेने दिल्ली एयरपोर्ट पर जा सकते हैं।

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