Cheetah Project: Threat To India’s Security Sovereignty, Forest Department Refuses To Give Information In Rti – Amar Ujala Hindi News Live

चीता प्रोजेक्ट
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मध्य प्रदेश के वन विभाग ने चीता प्रोजेक्ट की मांगी जानकारी को भारत की सुरक्षा और सार्वभौमिकता को खतरा बता कर दूसरी बार सूचना के अधिकार में जानकारी देने से मना कर दिया है। सूचना के अधिकार के तहत स्थानीय आदिवासी समाज को रोजगार, बजट, निरीक्षण दौरों और चीता अस्पताल से संबंधित जानकारी मांगी गई थी।
जानकारी के अनुसार वन विभाग के प्रभारी पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ शुभरंजन सेन ने लोक सूचना अधिकारी को लिखित जारी कर जानकारी साझा करने से मना कर दिया। इससे पहले सेन ने फोन पर भी कार्यालय को जानकारी देने से रोकने का निर्देश दिया था। जिसे सरकारी फाइल में दर्ज किया गया है।
वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने सूचना के अधिकार के तहत स्थानीय आदिवासी समाज को रोजगार, बजट, निरीक्षण दौरों और चीता अस्पताल से संबंधित जानकारी मांगी गई थी। वन विभाग के इस कदम को सूचना का अधिकार कानून का गंभीर उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा कि RTI कानून के तहत लोक सूचना अधिकारी को अपने विवेक से निर्णय लेना होता है, न कि बड़े अधिकारियों के आदेश पर।
दुबे ने इस मामले में अपील करने की बात कही है। साथ ही कहा कि वह मामले को कोर्ट तक ले जाएंगे। दुबे ने कूनो में चल रहे चीता प्रोजेक्ट में गंभीर गड़बड़ी की आशंका भी जताई है. इससे पहले भी एक बार वन विभाग चिता प्रबंधन को लेकर मांगी सूचना के अधिकार जानकारी को देने से मना कर चुका है। जानकारी के अनुसार वन विभाग RTI के जवाब से इसलिए बच रहा है क्योंकि इसी वर्ष फरवरी में एक चीता शावक के पैर में फ्रैक्चर की घटना भी एक्टिविस्ट के आवेदन से सामने आई थी।

Comments are closed.