नवरात्रि के दूसरे दिन मां के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्माचारिणी की पूजा- अर्चना की जाती है। मां का स्वरूप अत्यंत तेजमय और भव्य है। नवरात्र के दूसरे दिन साधक का मन स्वाधिष्ठान चक्र में स्थित होता है। मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया।
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