Share on Google+
Share on Tumblr
Share on Pinterest
Share on LinkedIn
Share on Reddit
Share on XING
Share on WhatsApp
Share on Hacker News
Share on VK
Share on Telegram
50F64F81645A2A453ED705C18C40448C
हेडलाइंस
शेयर बाजार ने लाल निशान में शुरू किया कारोबार, इन शेयरों में दिखी बड़ी गिरावट State BJP chief Dilip Jaiswal ahead of PM Modi's visit Corruption row: Uttarakhand CM suspends Haldwani supreintending engineer Peyjal Nigam | India News Bihar News: Seven People Lost Their Lives In Different Accidents In Khagaria: Four Died Due To Drowning - Amar Ujala Hindi News Live पुत्रवधू पर आया दिल: सीने में घोंपा चाकू और फिर...इस पिता ने जिस तरह जवान बेटे का किया कत्ल; कांप उठेगा कलेजा उत्तराखंड: नई टीम बनाने से पहले दिग्गजों का मन टटोल रहे अध्यक्ष, पार्टी के पूर्व मुख्यंमत्रियों से रायशुमारी नई बहू के साथ सास का व्यवहार कैसा हो ताकि घर में बनी रहे शांति और रिश्तों में न आए दरार, जानिए जरूरी बातें Rewa Rain Flood 50 Students Rescued Bansagar Dam Gates Opened - Madhya Pradesh News Rpsc Recruitment 2025: Recruitment For More Than 12 Thousand Posts Including Senior Teacher - Amar Ujala Hindi News Live हरियाणा में बदमाशों का आतंक: जींद में सरपंच की गोली मारकर हत्या, लाइसेंसी रिवॉल्वर छीनकर सिर में मारी गोली

भतीजे अजित और भाजपा दोनों को एकसाथ टेंशन दे रहे शरद पवार, महाराष्ट्र के शुगर बेल्ट क्यों मची खलबली


कोल्हापुर के भाजपा नेता समरजीत घाटगे के पवार खेमे में शामिल होने के बाद पाटिल शुगर बेल्ट से आने वाले दूसरे बड़े नेता हैं। अगला नाम मधुकर पिचड़ का हो सकता है, जो पवार के लंबे समय से सहयोगी रहे हैं और 2014 में एनसीपी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल भाजपा छोड़ने के कुछ दिनों बाद आज (सोमवार, 7 अक्तूबर) विपक्षी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (NCP- SP) में शामिल हो गए। इसकी अटकलें पहले से ही लगाई जा रही थीं और यह चिर प्रतीक्षित था। पाटिल को पार्टी प्रमुख शरद पवार की मौजूदगी में NCP में शामिल कराया गया। वह पुणे जिले के एक प्रमुख राजनेता रहे हैं। इस मौके पर पाटिल ने कहा कि उनके समर्थक चाहते हैं कि वह महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनाव में इंदापुर सीट (पुणे जिले में) से वह लड़ें, जहां से वह पहले प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक दल से अधिक लोग महत्वपूर्ण हैं।

पाटिल वर्तमान में राष्ट्रीय सहकारी चीनी मिल संघ के अध्यक्ष हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह भाजपा छोड़ दी थी। इंदापुर बारामती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। पाटिल ने तीन अक्टूबर को मुंबई में एनसीपी (एसपी) प्रमुख से मुलाकात की थी और उसके बाद कहा था कि पवार ने उनसे अपनी पार्टी में शामिल होने तथा आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने का आग्रह किया है।

अटकलें लगाई जा रही थीं कि पटिल पार्टी बदल सकते हैं, खासकर जब से उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा था कि पिछले बार जो सीट जीते थे उन्हें चुनाव लड़ाया जाएगा। इंदापुर से चार बार विधायक चुने जा चुके पाटिल इस सीट से फिर से चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक हैं। फिलहाल इस सीट का प्रतिनिधित्व भाजपा की गठबंधन सहयोगी अजित पवार की एनसीपी कर रही है, जो इस बार फिर से मौजूदा विधायक दत्तात्रेय भरणे को मैदान में उतार सकती है। ऐसे में महायुति गठबंधन में पाटिल के लिए रास्ते बंद हो चुके थे। लिहाजा वह नई राह की तलाश में थे, दूसरी तरफ अजित पवार को पटखनी देने के लिए शरद पवार भी मजबूत छत्रपों की तलाश में हैं जो राजनीति के मनोविज्ञान में कामयाब हों, साथ ही सियासी जमीन पर भी, जब वो उतरे तो कामयाब हो सके।

कौन हैं हर्षवर्धन पाटिल?

हर्षवर्धन पाटिल अजीत पवार के कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। वह 1995-99 के दौरान शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार में कृषि और विपणन राज्य मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 1995 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीता। वह 1999 से 2014 तक कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार के दौरान मंत्री पद पर रह चुके हैं। वह 2009 में कांग्रेस में शामिल हुए और सहकारिता और विधायी मामलों के मंत्री बनाए गए।

महायुति में तीन दलों के बीच समझौते के अनुसार, तीनों दलों में से प्रत्येक को वे सीटें मिलेंगी, जहां उनके मौजूदा विधायक हैं। चूंकि उन्हें महायुति गठबंधन से सीट नहीं मिलती, इसलिए पाटिल ने पवार की पार्टी में शामिल होने का विकल्प चुना। उप मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने पाटिल को रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। यह भाजपा के लिए एक झटका है क्योंकि पाटिल पश्चिमी महाराष्ट्र में एक प्रमुख नाम हैं।

शुगर बेल्ट में पवार कैसे हो रहे मजबूत

कोल्हापुर के भाजपा नेता समरजीत घाटगे के पवार खेमे में शामिल होने के बाद पाटिल शुगर बेल्ट से आने वाले दूसरे बड़े नेता हैं। अगला नाम मधुकर पिचड़ का हो सकता है, जो पवार के लंबे समय से सहयोगी रहे हैं और 2014 में एनसीपी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके बेटे संदीप नगर-अकोला निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक थे, लेकिन 2019 में एनसीपी उम्मीदवार से हार गए थे। पाटिल की ही तरह संदीप की स्थिति है। उन्हें भी अजित पवार के सीटिंग विधायक की वजह से टिकट नहीं मिलेगा, जबकि सीनियर पवार नए चेहरे की तलाश में हैं।

इन तीन के अलावा अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के कम से कम तीन नेता हैं, जो पवार खेमे में लौटने के लिए एनसीपी (एसपी) से बात कर रहे हैं। शरद पवार भी चाहते हैं कि इन नेताओं को साधकर पश्चिमी महाराष्ट्र में खोई हुई जमीन को फिर से हासिल कर लें। घाटगे और पाटिल जैसे हाई प्रोफाइल नेताओं के शरद पवार खेमे में जाने से पश्चिमी महाराष्ट्र में हलचल मच गई है। लोकसभा चुनावों से पहले भी उन्होंने सोलापुर जिले के प्रभावशाली मोहिते-पाटिल परिवार को अपने पक्ष में कर लिया था। इस परिवार के एक सदस्य धैर्यशील मोहिते-पाटिल ने एनसीपी (एसपी) के टिकट पर माधा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद रंजीतसिंह नाइक-निंबालकर को हराकर जीत भी हासिल की।

लाइन में कई लोग

​​चर्चा है कि इसी जिले से अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के विधायक बबनराव शिंदे भी पवार गुट में वापस लौटने की संभावना तलाश रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने शरद पवार से मुलाकात की थी और अपने बेटे के लिए उस निर्वाचन क्षेत्र से टिकट मांगा था, जिसका वे वर्तमान में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इनके अलावा महाराष्ट्र विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष नाइक-निंबालकर पवार के करीबी सहयोगी रहे हैं। पार्टी में विभाजन के बाद वह अजित पवार का साथ चले गए थे लेकिन अब वह उपमुख्यमंत्री से नाखुश हैं और पवार खेमे में लौटने का संकेत दे चुके हैं।

ये भी पढ़े:MADHAV फॉर्मूला महाराष्ट्र में जीत की गारंटी? भाजपा कैसे साध रही जातिगत समीकरण
ये भी पढ़े:आरक्षण की 50 फीसदी लिमिट खत्म करने के पक्ष में शरद पवार, बताया क्यों जरूरत
ये भी पढ़े:महाराष्ट्र में बीजेपी को लग सकता है झटका, शरद पवार के साथ आ सकते हैं हर्षवर्धन

महाराष्ट्र का शुगर बेल्ट जो नासिक से लेकर कोल्हापुर तक फैला हुआ है, राज्य में सहकारी क्षेत्र का घर रहा है। महाराष्ट्र में अधिकांश सहकारी चीनी मिलें इसी क्षेत्र में हैं। दशकों से पवार का इस क्षेत्र, खासकर पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र पर मजबूत प्रभाव रहा है। उनके अधिकांश विधायक इसी क्षेत्र से आते हैं। 2019 के विधानसभा चुनावों में, पश्चिमी महाराष्ट्र के छह जिलों की 67 सीटों में से तत्कालीन भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने 24 सीटें जीती थीं, जबकि एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन ने 37 सीटें जीती थीं और 6 सीटें छोटे दलों या निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती थीं। एनसीपी ने सबसे ज्यादा 25 सीटें जीतीं, जो उसके 53 सीटों के लगभग आधे थे। भाजपा 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही और उसके बाद कांग्रेस ने 12 सीटें जीतीं।

हाल के लोकसभा चुनावों में, एमवीए ने इस क्षेत्र में 8 सीटें जीतीं, जबकि सत्तारूढ़ महायुति 4 सीटें जीतने में सफल रही। एमवीए द्वारा जीती गई 8 सीटों में से चार पर अकेले पवार के गुट ने कब्ज़ा किया। बारामती में, पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा को 1.50 लाख से अधिक मतों से हराकर अपनी सीट बरकरार रखी। क्षेत्र में एनसीपी के 25 विधायकों में से अधिकांश अजीत पवार के साथ चले गए और उनमें से कुछ अब अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं क्योंकि स्थानीय भावनाएं सत्तारूढ़ दलों के पक्ष में नहीं लगती हैं। यह वही क्षेत्र है जहां सीनियर पवार ने अपना फोकस केंद्रित कर रखा है क्योंकि वह पूरे महाराष्ट्र में 50 से अधिक सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे हैं।



Source link

1656310cookie-checkभतीजे अजित और भाजपा दोनों को एकसाथ टेंशन दे रहे शरद पवार, महाराष्ट्र के शुगर बेल्ट क्यों मची खलबली
Artical

Comments are closed.

शेयर बाजार ने लाल निशान में शुरू किया कारोबार, इन शेयरों में दिखी बड़ी गिरावट     |     State BJP chief Dilip Jaiswal ahead of PM Modi’s visit     |     Corruption row: Uttarakhand CM suspends Haldwani supreintending engineer Peyjal Nigam | India News     |     Bihar News: Seven People Lost Their Lives In Different Accidents In Khagaria: Four Died Due To Drowning – Amar Ujala Hindi News Live     |     पुत्रवधू पर आया दिल: सीने में घोंपा चाकू और फिर…इस पिता ने जिस तरह जवान बेटे का किया कत्ल; कांप उठेगा कलेजा     |     उत्तराखंड: नई टीम बनाने से पहले दिग्गजों का मन टटोल रहे अध्यक्ष, पार्टी के पूर्व मुख्यंमत्रियों से रायशुमारी     |     नई बहू के साथ सास का व्यवहार कैसा हो ताकि घर में बनी रहे शांति और रिश्तों में न आए दरार, जानिए जरूरी बातें     |     Rewa Rain Flood 50 Students Rescued Bansagar Dam Gates Opened – Madhya Pradesh News     |     Rpsc Recruitment 2025: Recruitment For More Than 12 Thousand Posts Including Senior Teacher – Amar Ujala Hindi News Live     |     हरियाणा में बदमाशों का आतंक: जींद में सरपंच की गोली मारकर हत्या, लाइसेंसी रिवॉल्वर छीनकर सिर में मारी गोली     |    

9213247209
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9907788088