
पराली जलाने के मामले
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खरीफ सीजन के दौरान पराली जलाने के मामलों में हरियाणा, यूपी, राजस्थान व मध्य प्रदेश से पंजाब आगे चल रहा है। सीजन में एक दिन सबसे अधिक पराली जलाने का शर्मनाक रिकॉर्ड भी अभी तक प्रदेश के ही नाम है। पराली जलाने का असर भी दिखना शुरू हो गया है। बठिंडा व लुधियाना ही हवा संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में चली गई है, जो सांस के मरीजों के लिए खतरनाक है। इसी तरह अन्य जिलों में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई है।
बठिंडा का एक्यूआई मंगलवार को अधिकतम 143 दर्ज किया गया, जबकि लुधियाना का 115 दर्ज किया गया है। इसी तरह मंडी गोबिंदगढ़ में एक्यूआई में भी बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई है।
15 सितंबर से 30 नवंबर तक खरीफ सीजन रहता है। अगर अब तक के रिकाॅर्ड चेक करें तो 15 सितंबर से 7 अक्तूबर तक पराली जलाने के 214 मामले सामने आए हैं। इसी तरह दूसरे नंबर पर हरियाणा में 164 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं इस अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश में 51, मध्य प्रदेश में 44 और राजस्थान में 16 मामले सामने आए हैं। अगर एक दिन के सबसे अधिक पराली जलाने के मामलों की बात की जाए तो उसमें भी प्रदेश पहले स्थान पर है।
1 अक्तूबर को पंजाब में सबसे अधिक पराली जलाने के 26 मामले सामने आए थे। इसी तरह हरियाणा में 5 अक्तूबर को 23, उत्तर प्रदेश में 6 अक्तूबर को 17, मध्य प्रदेश में 7 अक्तूबर को 17 और राजस्थान में इसी दिन 4 मामले सामने आए थे। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पराली जलाने के मामलों पर नजर रखने के लिए उड़नदस्ते की टीमें भी लगाई हुई हैं, ताकि इसे रोकने के लिए राज्यों को उचित दिशा-निर्देश जारी किए जा सकें।

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