
जबलपुर हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
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प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के 15 प्रतिशत एनआरआई कोटे की सीट 22 ब्रांच की बजाये सिर्फ आठ ब्रांच में आवंटित किये जाने को चुनौती देते हुए कोर्ट में याचिका दायर की गयी है। याचिका में कहा गया था कि इन आठ ब्रांच में 30 से 50 प्रतिशत सीट एनआरआई कोटे के तहत आवंटित की गयी है। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने सरकार की तरफ से पेश जवाब की कॉपी सभी पक्षकारों को प्रदान करने के आदेश जारी करते हुए अगली सुनवाई 18 दिसंबर को जारी की है।
भोपाल निवासी डॉ ओजस यादव की तरफ से दायर की गयी जनहित याचिका में कहा गया था नीट ने एनआरआई की मेरिट लिस्ट तैयार की थी। प्रदेश के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एनआरआई कोटे के तहत 15 प्रतिशत सीट प्रदान की जाती है। मेडिकल कॉलेज ने 22 ब्रांच होती है, परंतु प्रदेश सरकार के द्वारा एनआरआई कोटे की सीट सिर्फ आठ ब्रांच में आवंटित की गयी है। जिस ब्रांच में एनआरआई कोटे की सीट आवंटित की गयी है,उनकी मांग अधिक है।
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने तर्क दिया गया था कि आठ ब्रांच में कुल 545 सीट है, जिसमें से 152 सीट एनआरआई कोटे के तहत आवंटित की गयी है। पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में एमडी सर्जन की आठ सीट है, जिसमें से चार सीट एनआरआई कोटे के तहत आवंटित की गयी है। सामान्य व एससी वर्ग के एक भी आवेदक को सीट आवंटित नहीं की गयी है। निर्धारित ब्रांच में एनआरआई कोटे की सीट अधिक आवंटित किये जाने के कारण मेरिटोरियस छात्रों का हक प्रभावित हो रहा है।
याचिका में कहा गया था कि एनआरआई कोर्ट की सीट सभी ब्रांच में आवंटित की जानी चाहिए थी। प्रदेश सरकार के द्वारा अपनाई जा रही प्रक्रिया पूरी तरह से अवैधानिक है। प्राइवेट कॉलेज ने सीट मैट्रिक्स यानि प्रत्येक वर्ग को आवंटित सीट के चार्ट को चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम-2018 के विरुद्ध तैयार किया गया है। इसमें एनआरआई कोटे हेतु नियमानुसार 15 प्रतिशत के स्थान पर अनेक ब्रांचों में 40 से 50 प्रतिशत आरक्षित कर दी गई हैं। प्रवेश नियमों के अनुसार दावे आपत्तियों हेतु भी समय दिए बिना च्वाइस फिलिंग कराई जा रही है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये।

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