Rajasthan Nine-year-old Dhanvi Singh Won Many Medals In Horse Riding In Karauli Ias And Ips Also Became Fans – Amar Ujala Hindi News Live राजस्थान By On Jan 24, 2025 यह भी पढ़ें Ganesh Chaturthi 2024: गणपति बप्पा की मूर्ति का बैकग्राउंड… Sep 1, 2024 Terror Of Miscreants In Jind, Liquor Shop Salesman Assaulted… Nov 9, 2024 1 of 4 धानवी सिंह – फोटो : अमर उजाला राजस्थान के करौली जिले की बेटी धानवी सिंह ने सिर्फ नौ साल की उम्र में अपनी अद्भुत घुड़सवारी कला से एक नई पहचान बनाई है। बता दें कि जिस उम्र में बच्चे साधारण जानवरों से भी डरते हैं, उस उम्र में धानवी ने घोड़े की पीठ पर सवार होकर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। Trending Videos यह वीडियो/विज्ञापन हटाएं 2 of 4 धानवी सिंह – फोटो : अमर उजाला सात मेडल जीतकर किया करौली का नाम रोशन धानवी ने हाल ही में जयपुर में भारतीय सेना के 61 कैवलरी सेंटर द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय घुड़सवारी प्रतियोगिता में सात मेडल जीते हैं। इन सात मेडल्स में चार सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। सिल्वर मेडल्स हस्क प्रतियोगिता में और ब्रॉन्ज मेडल्स बॉल एंड बास्केट प्रतियोगिता में उनकी कुशल घुड़सवारी के लिए मिले। भारतीय सेना के कर्नल कमलजीत सिंह ने धानवी को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मेडल्स से सम्मानित किया। साथ ही आईएएस अंकित कुमार सिंह, पूर्व जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत और वर्तमान जयपुर हेरिटेज कमिश्नर ने भी धानवी को उनके इस अनोखे योगदान के लिए सम्मानित किया। 3 of 4 धानवी सिंह – फोटो : अमर उजाला पिता से मिली प्रेरणा, सिर्फ दो महीने की मेहनत धानवी ने अपने पिता जितेंद्र सिंह पिचानौत को घुड़सवारी करते हुए देखकर इस खेल को अपनाया। मात्र दो महीने के अभ्यास के बाद, उन्होंने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में यह अद्वितीय उपलब्धि हासिल की। धानवी के पिता जितेंद्र सिंह खुद एक घुड़सवारी के शौकीन हैं और भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार विदेशों में भी करते हैं। 4 of 4 धानवी सिंह – फोटो : अमर उजाला धानवी के सपने: नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर चमकने की तैयारी धानवी का अगला लक्ष्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिताओं में गोल्ड मेडल जीतना है। उनका सपना है कि वह अपनी घुड़सवारी के जरिए देश और परिवार का नाम और ऊंचा करें। बेटियों के लिए मिसाल बनीं धानवी धानवी सिंह ने यह साबित कर दिया है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। उनके पिता जितेंद्र सिंह ने भी संदेश दिया कि बेटा और बेटी में फर्क करना बंद कर देना चाहिए। क्योंकि बेटियां भी अपने परिवार और समाज का नाम रोशन कर सकती हैं। Source link Like0 Dislike0 22927000cookie-checkRajasthan Nine-year-old Dhanvi Singh Won Many Medals In Horse Riding In Karauli Ias And Ips Also Became Fans – Amar Ujala Hindi News Liveyes
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