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Amar Ujala Samvad In Dehradun For Cbse Exam Experts Give Tips To Parents And Students – Amar Ujala Hindi News Live


Amar Ujala Samvad in Dehradun for cbse   exam experts give tips to parents and Students

अमर उजाला संवाद
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं व 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू होंगी। ऐसे में परीक्षा को लेकर बोर्ड के छात्रों को तनाव मुक्त रखने के लिए अमर उजाला की ओर से छात्रों व उनके अभिभावकों के लिए विशेष संवाद आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य परीक्षा के दौरान छात्रों के साथ उनके अभिभावकों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखना है।

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सोमवार को सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में बतौर विशेषज्ञ न्यूरो साइकोलॉजिस्ट व सीबीएसई काउंसलर डॉ. सोना कौशल, राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के प्रोफेसर प्रो. डॉ. सुशील ओझा, मनोचिकित्सा विभाग की विभागाध्यक्ष, एसोसिएट प्रो. डॉ. जया नवानी और गांधी अस्पताल की मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. निशा सिंगला ने बच्चों व उनके अभिभावकों को न सिर्फ स्वास्थ्य टिप्स बल्कि उनके सवालों के जवाब भी दिए।

अभिभावकों के व्यवहार पर निर्भर है बच्चों का भविष्य : डॉ. सोना

न्यूरो साइक्लॉजिस्ट व सीबीएसई काउंसलर डॉ. सोना कौशल ने कहा, बच्चों का भविष्य उनके अभिभावकों के व्यवहार पर निर्भर है। अभिभावक अपने बच्चों की तुलना किसी से न करें और उनके आत्मसम्मान का भी ध्यान रखें। छात्रों की नियमित दिनचर्या के लिए अभिभावकों को उनका टाइम टेबल बनाना चाहिए। ताकि वे रात को समय पर सोने के साथ ही सुबह जल्दी उठने की आदत को अपना सकें। परीक्षा के समय छात्रों को पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। इससे परीक्षा देते समय छात्रों की एकाग्रता बढ़ेगी। छात्रों को बॉडी क्लॉक के हिसाब से अपने काम करने चाहिए। इसके अलावा अभिभावकों को अपनी उम्मीदें बच्चों पर थोपनी नहीं चाहिए। बच्चा जब अभिभावकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता तो ऐसे में उसपर तनाव बढ़ता है। परीक्षा के दौरान अभिभावकों को अपने बच्चे की सेहत पर ध्यान देने के साथ उसके लिए पढ़ने के लिए शांत और तनावमुक्त माहौल देना चाहिए।

स्क्रीन टाइम कम रखें और अपनी लिखावट को बनाए सुंदर : डॉ. सुशील

दून राजकीय मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा ने कहा, इन दिनों मोबाइल और लैपटॉप के प्रयोग से बच्चों में स्क्रीन देखने का समय ज्यादा बढ़ गया है। बच्चे भी ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करना अधिक पसंद करते हैं। लेकिन कोशिश करें किताबों से ही पढ़ाई व रिवीजन करें। इससे बच्चों में स्क्रीन टाइम से होने वाले सिर दर्द, थकान और तनाव की भी समस्या कम होगी। खासतौर परीक्षा के नजदीक होने पर बच्चों को अपने बनाए नोट्स से रिवीजन करना चाहिए। साथ परीक्षा के दौरान साफ-सुथरा और सुंदर लिखने का प्रयास करें। लिखावट के सुंदर होने से आंखों में जोर कम पढ़ता है।

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परीक्षा को लेकर छात्रों से ज्यादा अभिभावक चिंतित : डॉ. जया

दून राजकीय मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. जया नवानी ने कहा, परीक्षा को लेकर छात्रों से ज्यादा अभिभावक चिंतित होते हैं। तभी वे छात्रों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित कर पाते हैं। किसी भी व्यक्ति को प्रोत्साहित होने के लिए एक निश्चित स्तर का तनाव लेना आवश्यक है। अधिक तनाव लेने से छात्रों की एकाग्रता प्रभावित होती है। ऐसी स्थिति में की गई पढ़ाई किसी भी काम में नहीं आती है। छात्रों में तनाव के कई कारण हो सकते हैं, इसमें आस-पास का प्राकृतिक और भौतिक वातावरण शामिल हैं। अभिभावक परीक्षा से पूर्व अपने बच्चों के साथ बैठक कर पिछले वर्ष के पेपर को हल करें। इससे उन्हें परीक्षा पैटर्न के बारे में पता चलेगा।

परीक्षा जिंदगी का हिस्सा है, इससे घबराएं नहीं : डॉ. निशा

जिला चिकित्सालय की मनोचिकित्सक डॉ. निशा सिंगला ने कहा, अक्सर बोर्ड परीक्षा के नाम से ही छात्र डर जाते हैं। छात्रों और अभिभावकों को यह बात समझनी होगी कि छात्र पहली कक्षा से ही परीक्षा देते आ रहे हैं। यह जिंदगी का एक हिस्सा है, इससे घबराएं नहीं। अभिभावकों को भी चाहिए कि बोर्ड परीक्षा को लेकर छात्रों में भय पैदा न करें। छात्र परीक्षा के लिए रणनीति बनाकर पढ़ाई करते हैं। किसी भी व्यक्ति के तनाव लेने से उसके शरीर में एक हार्मोन विकसित होता है। जो उन्हें अलर्ट करता है।

अभिभावकों को समझनी होगी बच्चों की आवश्यकता : बलूनी

बलूनी ग्रुप ऑफ एजुकेशन के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा, अभिभावकों को अपने बच्चों की आवश्यकता को समझना होगा। बेवजह बच्चों पर किसी प्रकार का दबाव बनाने के उनसे दोस्ताना व्यवहार रख उनके मन की बात जाननी होगी। जिससे बच्चे अपनी हर बात उनके साथ साझा करें। वहीं, बोर्ड के छात्रों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा, परीक्षा केंद्र में समय से पहुंचे और सैंपल व मॉडल पेपर से तैयारी करें। परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए सबसे पहले मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना होगा। ऐसे में पढ़ाई के साथ शारीरिक गतिविधियां भी जरूरी है। उन्होंने कहा, संवाद की इस पहल का छात्रों व उनके अभिभावकों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।



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