Share on Google+
Share on Tumblr
Share on Pinterest
Share on LinkedIn
Share on Reddit
Share on XING
Share on WhatsApp
Share on Hacker News
Share on VK
Share on Telegram
50F64F81645A2A453ED705C18C40448C
हेडलाइंस
'It's up to them': Owaisi keen on joining Mahagathbandhan in Bihar; says NDA must go | India News Muzaffarpur Bihar News :driver Dies In Collision Between Two Trucks Assistant Driver - Bihar News Kanpur: नहर में मछली पकड़ते समय चाचा-भतीजे डूबे…मौत, पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजे शव, परिजन बेहाल Tehri Accident: भैंतलाखाल से लंबगांव जा रही कार अनियंत्रित होकर खाई में गिरी, मची चीख पुकार MP News: 'गलती न करें... बर्दाश्त नहीं की जाएगी', सीहोर में वन विभाग पर भड़के मामा शिवराज, जानें क्या है मामला Bharatpur News: How Old Is Bahaj Village? Archaeological Department Uncovers Traces Of Ancient Civilization - Amar Ujala Hindi News Live Himachal : परमजीत के रूप में हुई सुक्कड़ में मिले शव की शिनाख्त, मनूणी खड्ड में बहे सात के मिल चुके हैं शव IND vs ENG: हार के बाद इंग्लैंड के लिए आई बुरी खबर, ICC ने पूरी टीम के खिलाफ लिया बड़ा एक्शन 'पंचायत 4' के सचिव जी संग ऐसी है रिंकी की अनकही केमिस्ट्री, संविका ने किया खुलासा Samsung के तीन बार मुड़ने वाले फोन की दिखी पहली झलक, जानें कब होगा लॉन्च

अमेरिका के जवाबी टैरिफ पर क्या कहते हैं WTO के नियम, भारत के क्या बचा है अब रास्ता?


डोनाल्ड ट्रंप

Photo:FILE डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन सहित अपने उन सभी प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो अमेरिका से भेजे जाने वाले सामानों पर उच्च आयात शुल्क लगाते हैं। उन्होंने पहले ही इस्पात और एल्यूमीनियम आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो 12 मार्च से लागू होगा। नई शुल्क नीति की घोषणा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शुल्क के मामले में भारत ‘सबसे ऊपर है।’ चूंकि ये सभी देश वैश्विक व्यापार निकाय विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्य हैं, इसलिए अमेरिका के फैसले डब्ल्यूटीओ के सिद्धांतों को चुनौती दे सकते हैं।

सवाल- डब्ल्यूटीओ क्या है?

जवाब- जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) एक बहुपक्षीय निकाय है जो वैश्विक व्यापार के लिए नियम बनाता है और देशों के बीच विवादों का निपटारा करता है। इसका मुख्य उद्देश्य वस्तुओं के सुचारू, पूर्वानुमानित और मुक्त प्रवाह को बढ़ावा देना है। भारत और अमेरिका दोनों ही 1995 से इसके सदस्य हैं। इन देशों ने वस्तुओं, सेवाओं और बौद्धिक संपदा के व्यापार को नियंत्रित करने वाले कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौते अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए नियम और दिशा-निर्देश निर्धारित करते हैं।

सवाल- विश्व व्यापार संगठन के अंतर्गत शुल्क प्रतिबद्धताएं क्या हैं?
जवाब- विश्व व्यापार संगठन के प्रमुख सिद्धांतों में से एक शुल्क बाध्यकारी है, जो वैश्विक व्यापार में पूर्वानुमान और स्थिरता सुनिश्चित करता है। बाध्य शुल्क अधिकतम शुल्क दरें हैं जो एक डब्ल्यूटीओ सदस्य अपनी रियायतों की अनुसूची के तहत कमिट करता है। ये कमिटमेंट कानूनी रूप से बाध्यकारी हैं, जिसका अर्थ है कि कोई देश बिना पुनर्वार्ता के इस स्तर से ऊपर शुल्क नहीं लगा सकता है। लागू शुल्क वे वास्तविक शुल्क दरें हैं जो कोई देश आयात पर लगाता है। ये बाध्य दर से कम हो सकते हैं लेकिन डब्ल्यूटीओ नियमों का उल्लंघन किए बिना इससे अधिक नहीं हो सकते।

सवाल- यदि कोई देश निर्धारित शुल्कों से अधिक शुल्क लगाता है तो क्या होगा?
जवाब- यदि कोई सदस्य देश अपनी बाध्यता से अधिक शुल्क लगाता है, तो वह जीएटीटी (टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौता) 1994 के अनुच्छेद-2 का उल्लंघन करता है। इसमें कहा गया है कि सदस्यों को अपने अनुसूचियों में सूचीबद्ध शुल्कों या प्रभारों से अधिक शुल्क नहीं लगाना चाहिए और वे कोई अन्य शुल्क या प्रभार नहीं लगा सकते हैं जो उनके अनुसूचियों में निर्दिष्ट नहीं हैं। प्रभावित देश उच्च शुल्कों के खिलाफ डब्ल्यूटीओ विवाद निपटान निकाय (डीएसबी) के साथ शिकायत दर्ज कर सकते हैं। डीएसबी नियमों के तहत विवाद को हल करने का पहला कदम द्विपक्षीय परामर्श है। यदि परामर्श विफल हो जाता है, तो शिकायतकर्ता देश को डब्ल्यूटीओ से मंजूरी मिलने के बाद जवाबी शुल्क या अन्य व्यापार प्रतिवाद लागू करने की अनुमति दी जा सकती है।

सवाल- क्या डब्ल्यूटीओ का कोई सदस्य अपनी बाध्य शुल्क दरें बढ़ा सकता है?
जवाब- हां। लेकिन केवल जीएटीटी के अनुच्छेद-28 (अनुसूचियों में संशोधन) के तहत प्रभावित देशों के साथ बातचीत करके, जहां इसे प्रतिपूरक रियायतें देनी होंगी या विशिष्ट मामलों में सुरक्षा उपायों या राष्ट्रीय सुरक्षा अपवादों जैसे आपातकालीन प्रावधानों को लागू करके। ट्रंप के पिछले शासन के दौरान अमेरिका ने अपने व्यापार अधिनियम की धारा 232 के तहत ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के आधार पर इस्पात पर 25 प्रतिशत और एल्युमीनियम उत्पादों पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया था। इसने घरेलू इस्पात उत्पादन क्षमता के लिए खतरों का हवाला दिया था। हालांकि, डब्ल्यूटीओ ने कई मामलों में इस उपाय के खिलाफ फैसला सुनाया है। भारत ने भी 28 अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी शुल्क लगाया था। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि डब्ल्यूटीओ विवाद समिति ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा अपवादों का मनमाने ढंग से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है और इन्हें युद्ध या आपात स्थितियों के दौरान वास्तविक सुरक्षा चिंताओं से जोड़ा जाना चाहिए।

सवाल- अमेरिका ने जवाब में क्या किया?
जवाब- जीटीआरआई के अनुसार, अमेरिका ने यह तर्क देते हुए डब्ल्यूटीओ के फैसले का पालन करने से इनकार कर दिया कि उसे अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों को निर्धारित करने का संप्रभु अधिकार है। इसने डब्ल्यूटीओ अपीलीय निकाय को भी अवरुद्ध कर दिया है, जिससे अपील समाधान में बाधा आ रही है।

सवाल- भारत जैसे देशों में आयात शुल्क अधिक क्यों है, जबकि अमेरिका जैसे विकसित देशों में शुल्क कम क्यों है?
जवाब- भारत जैसे विकासशील देश मुख्य रूप से घरेलू उद्योगों की रक्षा करने, राजस्व उत्पन्न करने और आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए उच्च आयात शुल्क बनाए रखते हैं। ये देश अक्सर अपने उभरते क्षेत्रों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने, आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और व्यापार असंतुलन का प्रबंधन करने के लिए टैरिफ पर निर्भर रहते हैं। दूसरी ओर, अमेरिका जैसे विकसित देशों में शुल्क कम हैं, क्योंकि उनके उद्योग पहले से ही वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी हैं और वे खुले बाजारों से लाभान्वित होते हैं, जो उनके व्यवसायों को न्यूनतम व्यापार बाधाओं के साथ विदेशी उपभोक्ताओं तक पहुंचने की अनुमति देते हैं।

जीटीआरआई के अनुसार, ऐतिहासिक रूप से जब 1995 में डब्ल्यूटीओ की स्थापना हुई थी, तब विकसित राष्ट्र बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) के व्यापार-संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स), सेवा व्यापार उदारीकरण, तथा कृषि नियमों पर प्रतिबद्धताओं के बदले में विकासशील देशों को उच्च शुल्क बनाए रखने देने पर सहमत हुए थे, जो मुख्य रूप से धनी देशों के पक्ष में थे।

सवाल- विश्व व्यापार संगठन में स्पेशल और discriminatory ट्रीटमेंट क्या है?

जवाब- डब्ल्यूटीओ के समझौतों में विशेष प्रावधान हैं जो विकासशील देशों को विशेष अधिकार देते हैं और अन्य सदस्यों को उनके साथ अधिक अनुकूल व्यवहार करने की अनुमति देते हैं। उदाहरण के लिए, भारत जैसे विकासशील देश अपने शुल्क और निर्यात सब्सिडी को कम करने के लिए अधिक अमीर देशों की तुलना में अधिक समय ले सकते हैं।

सवाल- क्या भारत को इस्पात और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत शुल्क तथा डब्ल्यूटीओ में जवाबी शुल्क की धमकी के विरुद्ध लड़ने का अधिकार है?
जवाब- क्लैरस लॉ एसोसिएट्स की साझेदार आर. वी. अनुराधा के अनुसार, हां।

सवाल- क्या भारत इस्पात और एल्युमीनियम पर शुल्क के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में विवाद शुरू करेगा?
जवाब- अनुराधा ने कहा कि भारत और अमेरिकी सरकारों के बीच व्यापार समझौते के लिए चल रही वर्तमान बातचीत को देखते हुए, व्यावहारिक रूप से यह ‘असंभव’ है कि भारत विश्व व्यापार संगठन में लंबी लड़ाई चाहेगा। उन्होंने कहा, “लेकिन मेरी सलाह यह होगी कि द्विपक्षीय समझौते से जादू की उम्मीद न करें और इस बात पर दृढ़ रहें कि हमारे लिए वास्तव में क्या फायदेमंद होगा। हमें जवाबी शुल्क पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है और डब्ल्यूटीओ विवाद का विकल्प भी खुला रखना चाहिए।”

सवाल- भारत को क्या करना चाहिए?
जवाब- अनुराधा ने सुझाव दिया कि भारत को डब्ल्यूटीओ के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर संगठन की निरंतर प्रासंगिकता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। डब्ल्यूटीओ विवाद समाधान तंत्र के अभाव के कारण लगातार संकटग्रस्त होता जा रहा है। उन्होंने कहा, “प्रभावी नियम आधारित बहुपक्षीय व्यवस्था का कोई विकल्प नहीं है, जहां हमारे पास विकासशील देशों के साझा हितों की ताकत है। द्विपक्षीय सौदे केवल शक्ति प्रदर्शन को बढ़ाएंगे।”

(पीटीआई/भाषा)

Latest Business News





Source link

2429600cookie-checkअमेरिका के जवाबी टैरिफ पर क्या कहते हैं WTO के नियम, भारत के क्या बचा है अब रास्ता?
Artical

Comments are closed.

‘It’s up to them’: Owaisi keen on joining Mahagathbandhan in Bihar; says NDA must go | India News     |     Muzaffarpur Bihar News :driver Dies In Collision Between Two Trucks Assistant Driver – Bihar News     |     Kanpur: नहर में मछली पकड़ते समय चाचा-भतीजे डूबे…मौत, पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजे शव, परिजन बेहाल     |     Tehri Accident: भैंतलाखाल से लंबगांव जा रही कार अनियंत्रित होकर खाई में गिरी, मची चीख पुकार     |     MP News: 'गलती न करें… बर्दाश्त नहीं की जाएगी', सीहोर में वन विभाग पर भड़के मामा शिवराज, जानें क्या है मामला     |     Bharatpur News: How Old Is Bahaj Village? Archaeological Department Uncovers Traces Of Ancient Civilization – Amar Ujala Hindi News Live     |     Himachal : परमजीत के रूप में हुई सुक्कड़ में मिले शव की शिनाख्त, मनूणी खड्ड में बहे सात के मिल चुके हैं शव     |     IND vs ENG: हार के बाद इंग्लैंड के लिए आई बुरी खबर, ICC ने पूरी टीम के खिलाफ लिया बड़ा एक्शन     |     ‘पंचायत 4’ के सचिव जी संग ऐसी है रिंकी की अनकही केमिस्ट्री, संविका ने किया खुलासा     |     Samsung के तीन बार मुड़ने वाले फोन की दिखी पहली झलक, जानें कब होगा लॉन्च     |    

9213247209
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9907788088