टू-व्हीलर की बिक्री शहरों के मुकाबले में ज्यादा तेजी से बढ़ी है। वाहन डीलरों के संगठन फाडा की रिपोर्ट के अनुसार, दोपहिया वाहन सेगमेंट में ग्रामीण क्षेत्रों का प्रदर्शन शहरी क्षेत्रों की तुलना में बेहतर रहा। वित्त वर्ष 2023-24 में 1,75,27,115 इकाइयों की तुलना में दोपहिया वाहनों का पंजीकरण आठ प्रतिशत बढ़कर 1,88,77,812 इकाई हो गया। फाडा के अध्यक्ष सी. एस. विग्नेश्वर ने बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 ने वास्तव में दिखाया कि भारत का मोटर वाहन खुदरा क्षेत्र कितना लचीला हो सकता है। इस वर्ष मुख्य आकर्षण ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन रहा। उन्होंने कहा कि दोपहिया वाहनों के क्षेत्र में ग्रामीण बाजारों में आठ प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो शहरी क्षेत्रों की वृद्धि से काफी अधिक है।
आर्थिक जानकारों का कहना है कि गांवों में दोपहिया की बिक्री बढ़ना भारतीय अर्थव्यव्स्था के लिए शुभ संकेत हैं। गांव में गाड़ियों की मांग बढ़ने से अर्थव्यवस्था में मजबूती का पता चलता है। ग्रामीण मांग बढ़ने से जीडीपी की रफ्तार तेज होती है। ग्रामीण मांग हमेशा से उद्योग जगत को बूस्ट देता रहा है। आगे इसका असर इंडियन इकोनॉमी पर देखने को मिलेगा।
ट्रैक्टर की बिक्री में गिरावट
देश में वित्त वर्ष 2024-25 में मोटर वाहन की खुदरा बिक्री सालाना आधार पर छह प्रतिशत बढ़कर 2,61,43,943 इकाई हो गई। फाडा ने सोमवार को एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में यात्री वाहनों, दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री में वृद्धि देखी गई। हालांकि, वाणिज्यिक वाहनों व ट्रैक्टर के पंजीकरण में वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में पिछले वित्त वर्ष में गिरावट आई। फाडा के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में 39,60,602 इकाइयों की तुलना में पिछले वित्त वर्ष में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री पांच प्रतिशत बढ़कर 41,53,432 इकाई हो गई। यात्री वाहन क्षेत्र में ग्रामीण बिक्री वृद्धि आठ प्रतिशत जबकि शहरी क्षेत्रों में यह तीन प्रतिशत रही। वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में पिछले वित्त वर्ष में तिपहिया वाहनों की बिक्री पांच प्रतिशत बढ़कर 12,20,981 इकाई हो गई।
कार की मांग में गिरावट
वहीं वित्त वर्ष 2024-25 में तिपहिया वाहनों की ग्रामीण बिक्री में नौ प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि शहरों में बिक्री में कोई वृद्धि नहीं हुई। पिछले वित्त वर्ष में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री मामूली घटकर 10,08,623 इकाई रह गई, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 10,10,324 इकाई थी। वहीं ट्रैक्टर की बिक्री सालाना आधार पर एक प्रतिशत घटकर 8,92,410 इकाई रह गई जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह 8,83,095 इकाई रही थी। फाडा के आंकड़ों के अनुसार, मार्च में मोटर वाहनों की कुल बिक्री सालाना आधार पर मामूली गिरावट के साथ 21,26,988 इकाई रही। हालांकि मार्च में यात्री वाहनों का पंजीकरण वार्षिक आधार पर छह प्रतिशत बढ़कर 3,50,603 इकाई हो गया। मार्च 2024 में 15,35,398 इकाइयों की तुलना में दोपहिया वाहनों की बिक्री मार्च 2025 में दो प्रतिशत घटकर 15,08,232 इकाई रह गई।

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