गंगापुर सिटी क्षेत्र के वजीरपुर उपखंड के रोंसी गांव में एक घर से कोबरा मादा सांप और उसके 42 अंडों का सफल रेस्क्यू किया गया। स्नेक कैचर रवि मीणा की तत्परता से न केवल परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित हुई, बल्कि एक दुर्लभ प्रजाति के सांप और उसके अंडों की जान भी बचाई गई।
गंगापुर सिटी और आस-पास के क्षेत्रों में ‘सर्पमित्र’ के नाम से मशहूर रवि मीणा इन दिनों लगातार जहरीले सांपों को रेस्क्यू कर रहे हैं। सोमवार को उन्हें रोंसी गांव के एक किसान परिवार ने सूचना दी कि उनके घर के भीतर सांप की फुफकारने की आवाज आ रही है। जब रवि मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि एक मादा स्पेक्टिकल कोबरा घर के एक कोने में 42 अंडों के साथ बैठी है और बहुत गुस्से में है।
रवि ने बताया कि यह कोबरा मादा लंबे समय से घर के एक बिल में रह रही थी और उसने वहीं अंडे दिए थे। अंडों की सुरक्षा में जुटी यह मादा कोबरा किसी भी खतरे की आशंका से फुफकार रही थी। करीब तीन घंटे की सावधानीपूर्वक प्रक्रिया के बाद रवि मीणा ने कोबरा और उसके सभी 42 अंडों को सुरक्षित रेस्क्यू कर पास के जंगल में छोड़ दिया।
रवि बताते हैं कि कोबरा मादा आमतौर पर अंडों की सुरक्षा के लिए बिल जैसे सुरक्षित स्थानों का चुनाव करती है और तब तक वहां से नहीं हटती जब तक अंडों से बच्चे बाहर न निकलें। ऐसे में इन्हें रेस्क्यू करना बेहद जोखिम भरा कार्य होता है। स्थानीय लोगों ने रवि मीणा के इस साहसिक कार्य की सराहना की और उनके प्रयास को सराहा, जिससे न केवल जानवरों की बल्कि इंसानों की भी जान बची।
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