Bihar Instructions To Complete Settlement Of Surveillance Related Cases In 2-3 Years Districts Helpline Number – Amar Ujala Hindi News Live बिहार By On Apr 16, 2025 यह भी पढ़ें युजवेंद्र चहल के पास खास मुकाम हासिल करने का शानदार मौका, 2… May 24, 2025 Manipal Group of Institutions Honor Visionary Founder Dr… May 1, 2025 निगरानी से जुड़े मामलों का निपटारा पिछले वर्ष लागू किए गए नए कानून के अंतर्गत दो से तीन वर्ष में पूरा करने पर सभी पदाधिकारी फोकस करें। ये बातें निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने मुख्य सचिवालय स्थित अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करने के दौरान कही। Trending Videos यह वीडियो/विज्ञापन हटाएं निगरानी विभाग की तरफ से जिला निगरानी कोषांग/उड़नदस्ता दल की समीक्षा बैठक सह कार्यशाला का आयोजन बुधवार को किया गया। इसमें मौजूद विभागीय अधिकारी तथा सभी जिलों से आए पदाधिकारी समेत को अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सभी जिला निगरानी के अंतर्गत दर्ज मामलों की सतत मॉनीटरिंग करें। इसकी जांच समय पर पूरी करें और दोषियों को सजा दिलाकर मामले का निपटारा जल्द से जल्द कराने की कवायद तेज करें। यह भी पढ़ें: सरकार की कृषि नीति को मजबूती, डिप्टी सीएम ने सीतामढ़ी में बीज प्रसंस्करण इकाई और गोदाम का किया उद्घाटन एसीएस चौधरी ने कहा कि सभी जिलों में मौजूद निगरानी कोषांग भ्रष्ट पदाधिकारियों की पहचना करें। इनकी अवैध संपत्ति की जांच कर निगरानी को कार्रवाई के लिए पहल करें। सभी सरकारी कार्यों का निष्पादन स्वच्छ तरीके से जिला स्तर पर हो, इसके लिए निगरानी कोषांग पूरी मुस्तैदी से मॉनिटरिंग करें। सरकारी कार्यालयों में दलालों और बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई करें। ताकि आम लोगों को योजनाओं का लाभ लेने में किसी तरह की समस्या न आए। इस मौके पर अधिकारियों ने पीपीटी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से निगरानी से जुड़ी कार्रवाई और भ्रष्टाचार से संबंधित स्थिति और इस पर कार्रवाई की पूरी विस्तृत जानकारी अधिकारियों ने दी। अधिकारियों और कानून के जानकारों ने भ्रष्टाचार निवारण कानून और इसके प्रभावी क्रियान्वयन से संबंधित जानकारी दी। यह भी पढ़ें: संपूर्ण क्रांति क्लोन सहित तीन जोड़ी ट्रेन के परिचालन अवधि में विस्तार, यहां से चलेगी समर स्पेशल ट्रेन सभी जिलों में हेल्प लाइन नंबर चालू रखें सभी जिले निगरानी कोषांग से जुड़ी हेल्प लाइन नंबर को संचालित करें। इसका एक मोबाइल नंबर भी सभी को जारी करने के लिए कहा गया। जल्द ही सभी डीएम को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया जाएगा। समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि कुछ जिलों मसलन भागलपुर, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, रोहतास, अरवल और पूर्णिया में यह हेल्प लाइन नंबर कार्यरत नहीं है। इसका कारण उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों से पूछा और इसे जल्द चालू करने के लिए संबंधित जिलों के डीएम से मिलकर क्रियान्वित करने को कहा। सभी जिलों में मौजूद निगरानी कोषांग के पदाधिकारियों को नियमित बैठक करके मामलों की समीक्षा करने को कहा। जिन मामलों में आरोप-पत्र लंबित हैं, उन्हें जल्द दायर करें। उन्होंने सभी जिलों को तैयार ऑनलाइन पोर्टल पर परिवाद को दर्ज करने और इसका जवाब भी इसी पर देने आदेश दिया। जिलों में त्रिशक्ति के तौर पर काम करें निगरानी कोषांग इस कार्यशाला को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के महानिदेशक जितेंद्र सिंह गंगवार ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर निगरानी कोषांग में मौजूद तीनों पदाधिकारी पुलिस पदाधिकारी, मैजिस्ट्रेट और इंजीनियर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में मिलकर त्रिशक्ति की तरह काम करें। यहां से प्रशिक्षण लेकर जाएं और भ्रष्टाचार निरोधक कानून समेत अन्य संबंधित कानून में प्रभावी तरीके से कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि निगरानी ब्यूरो इस बार एकदम एक्शन मोड में है। पिछले वर्ष जहां 15 भ्रष्ट लोकसेवकों के प्रति ट्रैप, डीए और पद का गलत दुरुपयोग (एओपीए) करने को लेकर कार्रवाई की गई थी। वहीं, इस वर्ष अब तक 14 कार्रवाई की जा चुकी है। आने वाले दिन में कार्रवाई की संख्या तेजी से बढ़ेगी। ऐसी स्थिति में जिला कोषांग को पूरी तरह से सक्रिय रहकर प्रभावी तरीके से कार्रवाई करने की आवश्यकता है। यह भी पढ़ें: नल जल योजना सिर्फ योजना नहीं, राष्ट्रीय संकल्प, आगा NGO की कार्यशाला में बोले PHED के प्रधान सचिव इस मौके पर विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) के अपर मुख्य सचिव (एडीजी) पंकज कुमार दाराद ने कहा कि नए कानून में दर्ज प्रावधानों के अनुसार ही भ्रष्ट पदाधिकारियों पर कार्रवाई करें। किसी भी छापेमारी, ट्रैप या अन्य कार्रवाई का डिजिटल साक्ष्य रखें। इसके लिए आधुनिक एवं खुफिया कैमरे समेत अन्य उपकरणों का उपयोग करें। इस कार्यशाला में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की डीआईजी एस प्रेमलथा, डीआईजी नवीन चंद्र झा, डीआईजी विकास कुमार, डीआईजी मृत्युंजय कुमार चौधरी, निगरानी विभाग की संयुक्त सचिव (विधि) अंजु सिंह, तकनीकी परीक्षक कोषांग के अभियंता प्रमुख (प्र.) राज कुमार, विशेष निगरानी इकाई के पुलिस अधीक्षक जेपी मिश्रा, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक सुबोध कुमार विश्वास, पुलिस अधीक्षक मो. सैफुर्र रहमान, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार, पुलिस अधीक्षक बमबम चौधरी और विधि पदाधिकारी नरेंद्र कुमार राय मौजूद थे। कार्यशाला का संचालन निगरानी विभाग के संयुक्त सचिव रामा शंकर ने किया। Source link Like0 Dislike0 25868200cookie-checkBihar Instructions To Complete Settlement Of Surveillance Related Cases In 2-3 Years Districts Helpline Number – Amar Ujala Hindi News Liveyes
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