राजस्थान के जोधपुर स्थित एसएन मेडिकल कॉलेज में पीजी कर रहे नागौर जिले के जारोड़ा निवासी डॉ. राकेश बिश्नोई की आत्महत्या के बाद सियासी माहौल गर्मा गया है। सल्फास खाने के बाद जयपुर में इलाज के दौरान रविवार देर रात उनकी मौत हो गई। मौत के बाद परिजन और साथी डॉक्टर SMS अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। मृतक डॉक्टर के परिजनों के अनुसार, डॉ. राकेश ने अपने अंतिम बयानों में स्पष्ट तौर पर बताया कि विभागाध्यक्ष उनकी थीसिस पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे और लगातार मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी। इसी से परेशान होकर उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया।
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हनुमान बेनीवाल
– फोटो : अमर उजाला
इस बीच नागौर सांसद और आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल रविवार शाम करीब 6 बजे SMS अस्पताल की मोर्चरी पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मुलाकात कर हर संभव न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। मीडिया से बातचीत में बेनीवाल ने पूरे मामले में चिकित्सा तंत्र और सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कई गंभीर सवाल उठाए। बेनीवाल ने कहा कि जोधपुर में एक्मो मशीन उपलब्ध थी लेकिन प्रशिक्षित ऑपरेटर नहीं था। इसी कारण डॉ. राकेश को जयपुर रेफर किया गया। यदि समय पर मशीन को संचालित किया जाता तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी। यह घटना चिकित्सा विभाग की व्यवस्थाओं की पोल खोलती है। उन्होंने कहा कि एक PG डॉक्टर की मौत हो जाती है लेकिन रातभर सरकार, चिकित्सा मंत्री और विभाग के आला अधिकारी मौन रहते हैं। भजनलाल सरकार को तुरंत इस मामले में संज्ञान लेकर सख्त कदम उठाने चाहिए।
1. डॉ. राकेश द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर संबंधित विभागाध्यक्ष पर तत्काल आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज हो।
2. मृतक डॉक्टर के परिजनों की सभी मांगों को अविलंब स्वीकार किया जाए।
सांसद बेनीवाल ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो आरएलपी सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने पुलिस महानिदेशक और जोधपुर पुलिस कमिश्नर से भी दूरभाष पर बातचीत कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई व परिजनों की मांगों पर सकारात्मक समाधान निकालने की बात कही है। साथ ही RLP कार्यकर्ताओं को SMS मोर्चरी पर भेजा गया है, ताकि परिजनों को हर संभव सहायता मिल सके।
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