50F64F81645A2A453ED705C18C40448C
हेडलाइंस
दिग्गज एक्टर का निधन, 77 साल की उम्र में ली आखिरी सांस, करियर में दर्ज हैं कई सुपरहिट फिल्में महाकुंभ के लिए Google की खास तैयारी, Mahakumbh सर्च करने पर होगी 'पुष्प-वर्षा' मिनटों में बनाएं आंवला चाय, फॉलो करें ये रेसिपी, टेस्टी चाय पीकर मिलेंगे कई फायदे 5000 या 10,000 रुपये की SIP से 1 करोड़ कितने साल में हो जाएंगे जमा? यहां समझें पूरा कैलकुलेशन Fir Against Aap And Congress Leaders For Theft At Sarpanch Shop In Jalandhar - Amar Ujala Hindi News Live 16 जनवरी को मंगल पृथ्‍वी और सूर्य एक सीध में आएंगे नजर, 2 साल बाद मार्स इन अपोजिशन की खगोलीय घटना Encubay Amplifies the Dialogue on Women and Wealth at Davos, During World Economic Forum, 2025 Mark Zuckerberg's India election remark: BJP's Nishikant Dubey says issue now 'closed' after Meta's apology | India News Samastipur: One Worker Died Due To Boiler Explosion In Aluminum Factory One Body Suspected Buried Under Debris - Amar Ujala Hindi News Live A Telangana Devotee Who Came To Visit Vrindavan Was Burnt Alive In A Bus - Amar Ujala Hindi News Live

आयुर्वेद ज्ञान को वैज्ञानिक कसौटी एवं तकनीकी मापदण्डों पर परिमार्जित कर विश्व को दें : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

भोपाल : राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा है कि आयुर्वेद का अर्थ है आयु का विज्ञान। आयुर्वेद न केवल रोग का उपचार करता है बल्कि उसे जड़ से समाप्त करता है। आज सर्वहितकारी आयुर्वेद के परम्परागत ज्ञान को वैज्ञानिक कसौटी पर खरा उतरने और वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुरूप उसे तकनीकी मापदण्डों पर परिमार्जित कर विश्व को देने का है। विश्व तैयार है।

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के 59वें अधिवेशन का शुभारंभ किया। उन्होंने शासकीय धनवंतरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के भवन का वर्चुअल लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने महासम्मेलन की स्मारिका “अमृत कुंभ” का विमोचन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा पाँच आयुर्वेदिक चिकित्सा विशेषज्ञों वैद्य श्री बनवारीलाल, वैद्य श्री मनोज, वैद्य श्री राकेश शर्मा, वैद्य श्री जयप्रकाश एवं वैद्य श्री गोपालदास मेहता को ‘आयुर्वेद महर्षि’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया। उन्होंने वैद्य श्री देवेन्द्र त्रिगुणा को आयुर्वेद के क्षेत्र में ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ अवार्ड दिया।

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि मध्यप्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सराहनीय कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की योग एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति में विशेष रूचि है। उन्होंने प्रदेश में आयुर्वेद चिकित्सा से संबंधित एक वृहद अनुसंधान केन्द्र प्रारंभ करने की इच्छा जतायी है। इस महासम्मेलन में इस विषय में विचार-विमर्श कर उसका स्वरूप तय किया जाये। मुझे विश्वास है कि राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश आयुर्वेद चिकित्सा का पसंदीदा गंतव्य बनेगा।

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत गाँवों में बसता है। आज भी गाँव की परम्परागत चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद ही है। उसका कोई विकल्प नहीं है। मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं राज्यपाल श्री पटेल दोनों ग्रामीण परिवेश से निकले जमीन से जुड़े नेता है। मध्यप्रदेश भारत में आयुर्वेद चिकित्सा का प्रमुख केन्द्र बनेगा।

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि उज्जैन से मेरी पुरानी स्मृतियाँ जुड़ी हैं। मैं यहाँ की गलियों से परिचित हूँ। उज्जैन योग-वेदांत, पर्व-उत्सव, धर्म-दर्शन, कला-साहित्य, आयुर्वेद-ज्योतिष की नगरी है। यह महार्षि संदीपनि, कृष्ण-सुदामा, भगवान महाकाल, मंगलनाथ, सम्राट विक्रमादित्य, महाकवि कालिदास, भास, भवभूति एवं पंडित सूर्यनारायण व्यास की भूमि है। मैं इस पुण्य एवं पावन भूमि को बारम्बार नमन करता हूँ।

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि गोदावरी किनारे नासिक में वर्ष 1907 में अखिल भारतीय आयुर्वेदिक महासम्मेलन की स्थापना हुई। आज क्षिप्रा किनारे इसका 59वां अधिवेशन आयोजित हो रहा है। इस सम्मेलन में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह, श्री प्रणव मुखर्जी एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल विहारी वाजपेयी शामिल हो चुके हैं। आज मुझे इसमें शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ है। आशा है महासम्मेलन के परिणाम देश एवं दुनिया के लिये कल्याणकारी होंगे।

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि आयुर्वेद सुखी एवं दीर्घायु जीवन प्राप्त करने का सरल और सहज उपाय है। आयुर्वेद बताता है कि किस प्रकार आहार-विहार, ऋतुचर्या के माध्यम से लोग सुखी और निरोगी रह सकते हैं। चरक संहिता में बताया गया है कि भोजन से पहले हाथ-पैर और मुँह धोना बीमारियों से बचने का तरीका है। कोविड काल में यह शिक्षा अत्यंत कारगर सिद्ध हुई। आयुर्वेद में कहा गया है कि ‘भोजनम् एव भेषजम’ अर्थात भोजन ही दवा है यदि आप उपयुक्त भोजन लेते हैं तो वह आपको स्वस्थ रखता है।

राष्ट्रपति श्री कोविंद ने कहा कि आयुर्वेद के सर्वांगीण विकास के लिये उसके संरक्षण एवं विस्तार, जन-सामान्य को जागरूक करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, योग्य चिकित्सक तैयार करने, उपचार को व्यापक एवं किफायती बनाने और आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध, दस्तावेजीकरण एवं प्रमाणीकरण की आवश्यकता है।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि उज्जैन प्राचीन काल से ही गौरवशाली सांस्कृतिक और ऐतिहासिक गतिविधियों की साक्षी रही है। उज्जैयिनी में राष्ट्रपति श्री कोविंद का आगमन, प्रसन्नता और गौरव का विषय है। भगवान धनवन्तरि ने तपस्या और अनुसंधान से मानव को आयुर्वेद द्वारा स्वस्थ रखने की जो व्यवस्था प्रदान की, वह अद्भुत है। कोरोना काल में भारत ने अपनी इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति के आधार पर वैश्विक महामारी से अपने संघर्ष को अधिक प्रभावी बनाया। आयुर्वेद के सकारात्मक परिणाम संपूर्ण विश्व के सामने हैं।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आयुर्वेद में आधुनिक, वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति के अनुरूप प्रमाणीकरण और मानकीकरण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इस उद्देश्य से क्लीनिकल ट्रायल को बढ़ाना जरूरी है। आयुर्वेद के क्षेत्र में वैज्ञानिक विश्लेषणों को व्यापक स्तर पर लेकर इसके परिणामों को समाज के सामने लाना और जन-कल्याण में इनका व्यापक उपयोग सुनिश्चित करना आवश्यक है। राज्यपाल श्री पटेल ने नीम और अदरक की रोग निदान क्षमता पर भी प्रकाश डाला।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जनजातीय समाज में जड़ी-बूटियों के प्रभाव और उपयोगिता की जानकारी परंपरागत रूप से रहती है। इस ज्ञान का जन-कल्याण में उपयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि य़ह मेरा विश्वास है कि जनजातीय समाज में विद्यमान सिकल सेल एनीमिया का उपचार आयुर्वेद और होम्योपैथी से निश्चित रूप से किया जा सकता है।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आयुर्वेद, चिकित्सा प्रणाली ही नहीं, अपितु जीवन दर्शन है। अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन द्वारा दिखाई गई दिशा और मार्गदर्शन संपूर्ण मानव समाज के कल्याण में सहायक होगा।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद सहित देश के विभिन्न प्रांतों से आए वैद्यराज, आयुर्वेदाचार्य और आचार्यों का स्वागत करते हुए कहा कि महाराज महाकाल की पावन धरती उज्जैन, ज्ञान-भक्ति और कर्म की भूमि है। यहाँ से लोक सेवा के लिए कर्मों की प्रेरणा निरंतर प्राप्त होती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भारतीय संस्कृति और परिवेश में सदियों से रची- बसी आयुर्वेदिक परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि चारों वेदों के साथ आयुर्वेद का भारतीय ज्ञान, परंपरा और जीवन-शैली में सदा से ही महत्व रहा है। उन्होंने स्वयं के बचपन का स्मरण करते हुए बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में संपूर्ण स्वास्थ्य व्यवस्था वैद्यों पर आधारित थी। वैद्य, नाड़ी परीक्षण कर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध दवा तथा आहार से ही रोगों का निदान कर दिया करते थे। पारिवारिक व्यवस्था में भी घरेलू सामग्री से साधारण बीमारियों के इलाज की जानकारी माँ–बहनों को भी रहती थी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आयुर्वेद बिना साइड इफेक्ट के इलाज की संपूर्ण पद्धति है। आहार, योग, प्राणायाम, नाड़ी परीक्षण, वात-पित्त-कफ के संतुलन पर आधारित यह व्यवस्था मित-भुक, हित-भुक और ऋत-भुक के सूत्र पर आधारित है। जिसका अर्थ है, जितनी भूख है उससे कम खाओ, जो शरीर के लिए हितकारी हो वह खाओ और ऋतुओं में जो पैदा होता है वह खाओ। इस सूत्र का पालन, मानव को स्वस्थ रखने में सहायक सिद्ध हुआ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय परंपरा का यह विश्वास कि “जैसा खाये अन्न, वैसा बने मन” समय की कसौटी पर प्रामाणिक सिद्ध हुआ है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के कठिन काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा वितरण और योग से निरोग कार्यक्रम प्रभावी रहा। यह सिद्ध हुआ कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से बेहतर कोई चिकित्सा पद्धति नहीं है। आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध और अनुसंधान को बढ़ाने की आवश्यकता है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई ने इस दिशा में कार्य आरंभ किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राष्ट्रीय स्तर पर शोध और अनुसंधान की दिशा में वैज्ञानिक आधार पर महत्वपूर्ण और तत्थपरक कार्य जारी है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में आयुर्वेद, योग, प्राणायाम के विस्तार और शोध एवं अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की दिशा में हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन द्वारा दिखाई गई दिशा और मार्गदर्शन के अनुरूप प्रदेश में गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी। प्रदेश में आयुष के बजट में वृद्धि की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समितियों का गठन किया जाएगा। इससे आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में संचालित गतिविधियों के विस्तार में मदद मिलेगी। प्रदेश के जिला चिकित्सालयों में जो आयुष विंग बने हैं, उन्हें अधिक समृद्ध किया जाएगा। इनमें पंचकर्म की विधियों को भी सम्मिलित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आयुर्वेदिक चिकित्सकों को क्लीनिक खोलने के लिए अब आयुष अधिकारी ही अनुमति प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल के पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं संस्थान द्वारा संचालित गतिविधियों की सराहना की।

राष्ट्रपति श्री कोविंद ने भगवान धनवंतरि की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर महासम्मेलन का विधिवत शुभारंभ किया। राष्ट्रपति श्री कोविंद का महासम्मेलन के अध्यक्ष वैद्य श्री देवेन्द्र त्रिगुणा ने एवं प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविंद का वैद्या तनुजा ने स्वागत किया। वैद्य श्री देवेन्द्र त्रिगुणा ने स्वागत भाषण दिया। वैद्य श्री रंजीत पौराणिक ने आभार प्रदर्शन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान को आयुर्वेद पुरूष बताते हुए औषधीय वनस्पतियों के संरक्षण के लिये मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रारंभ की देवारण्य योजना की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान, आयुष मंत्री श्री राम किशोर नानो कांवरे, वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद श्री अनिल फिरौजिया उपस्थित थे।

539970cookie-checkआयुर्वेद ज्ञान को वैज्ञानिक कसौटी एवं तकनीकी मापदण्डों पर परिमार्जित कर विश्व को दें : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
Artical

Comments are closed.

दिग्गज एक्टर का निधन, 77 साल की उम्र में ली आखिरी सांस, करियर में दर्ज हैं कई सुपरहिट फिल्में     |     महाकुंभ के लिए Google की खास तैयारी, Mahakumbh सर्च करने पर होगी ‘पुष्प-वर्षा’     |     मिनटों में बनाएं आंवला चाय, फॉलो करें ये रेसिपी, टेस्टी चाय पीकर मिलेंगे कई फायदे     |     5000 या 10,000 रुपये की SIP से 1 करोड़ कितने साल में हो जाएंगे जमा? यहां समझें पूरा कैलकुलेशन     |     Fir Against Aap And Congress Leaders For Theft At Sarpanch Shop In Jalandhar – Amar Ujala Hindi News Live     |     16 जनवरी को मंगल पृथ्‍वी और सूर्य एक सीध में आएंगे नजर, 2 साल बाद मार्स इन अपोजिशन की खगोलीय घटना     |     Encubay Amplifies the Dialogue on Women and Wealth at Davos, During World Economic Forum, 2025     |     Mark Zuckerberg’s India election remark: BJP’s Nishikant Dubey says issue now ‘closed’ after Meta’s apology | India News     |     Samastipur: One Worker Died Due To Boiler Explosion In Aluminum Factory One Body Suspected Buried Under Debris – Amar Ujala Hindi News Live     |     A Telangana Devotee Who Came To Visit Vrindavan Was Burnt Alive In A Bus – Amar Ujala Hindi News Live     |    

9213247209
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9907788088