नई दिल्ली । भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का शुभारम्भ ओडिशा के पुरी में हो गया है। इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कोरोना काल की वजह से इस रथयात्रा में पहली बार भक्तों को जाने की अनुमति दी गई है। 1 जुलाई से 12 जुलाई तक चलने वाली इस रथयात्रा में इस बार लाखों भक्तों के शामिल होने की संभावना है। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अमहदाबाद में मंगला आरती की है। भगवान जगन्नाथ यात्रा की शुरुआत को लेकर अमित शाह ने हिंदी और ओडिया भाषा में ट्वीट किए हैं। उन्होंने लिखा कि आस्था और भक्ति के अनूठे संगम श्री जगन्नाथ रथयात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं। महाप्रभु जगन्नाथ जी से सभी के सुखी और अरोग्यमय जीवन, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना करता हूं। जय जगन्नाथ पुराणों के मुताबिक, भगवान जगन्नाथ की बहन ने एक बार नगर देखने की इच्छा जाहिर की थी। तब जगन्नाथ जी और बलभद्र अपनी बहन सुभद्रा को रथ पर बैठाकर नगर दिखाने निकल पड़े। इस दौरान वे मौसी के घर गुंडिचा भी गए और सात दिन ठहरे। तभी से यहां पर रथयात्रा निकालने की परंपरा है। इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ तीन भव्य रथों में सवार होकर निकलते हैं। इसमें पहला रथ भगवान जगन्नाथ का, दूसरा भाई बलराम और तीसरा बहन सुभद्रा का होता है। जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर अहमदाबाद में भी भगवान जगन्नाथ की 145वीं यात्रा निकाली जा रही है। भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ शनिवार को नगरयात्रा पर निकलेंगे। नगरयात्रा पुराने अहमदाबाद में 19 किलोमीटर लंबी होगी। इस यात्रा की खासियत ये होती है कि रथयात्रा में सबसे पहले 17 हाथी, 101 ट्रक में भगवान जगन्नाथ की अलग-अलग झांकिया निकाली जाती हैं।
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