जालंधर: डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए ई ऑटो, जो चलाए ही नहींनगर निगम हर महीने सफाई पर करीब 7.60 कराेड़ रुपए खर्च करता हैपूरी मशीनरी निगम की वर्कशॉप में धूल फांक रहीशहर में रोजाना करीब पांच टन कूड़ा निकलता है, जिसे खत्म करने के लिए बायो माइनिंग प्रोजेक्ट पिछले साल शुरू किया गया। निगम ने अक्टूबर, 2021 में प्रोजेक्ट के लिए चार टिप्पर, एक लोडर, एक पोकलेन मशीन खरीदने में करीब 1.50 करोड़ रुपए खर्च किए, लेकिन इन वाहनों को इस्तेमाल तक नहीं किया जा सका क्योंकि वरियाणा में बायो माइनिंग प्राेजेक्ट में एक वर्ष से सिविल वर्क पूरा नहीं हाे सका है। पूरी मशीनरी निगम की वर्कशॉप में धूल फांक रही है।बड़ी बात है कि बायो माइनिंग प्रोजेक्ट में देरी हाेने पर निगम ने कंपनी को 2.50 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है। दो महीने पहले निगम कमिश्नर दीपशिखा शर्मा ने वरियाणा डंप का दौरा किया था और सिविल वर्क जुलाई में पूरा करने के कंपनी को आदेश दिए थे। अब काम पूरा करने की डेडलाइन सितंबर तक बढ़ाई गई है। अगर तब भी प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ तो कंपनी को 8 लाख रुपए जुर्माना लगाया जाएगा। प्राेजेक्ट इंचार्ज अमरदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि 1.50 कराेड़ रुपए से खरीदे वाहनाें की कीमत 30 से 35 फीसद बढ़ चुकी हैं, जाे पहले कम कीमत में खरीदे गए हैं। प्रोजेक्ट का सिविल वर्क पूरा होने के बाद ही इनका इस्तेमाल शुरू होगा।हर महीने 7.60 कराेड़ रुपए सफाई पर खर्चनगर निगम हर महीने सफाई पर करीब 7.60 कराेड़ रुपए खर्च करता है। इसमें 1857 सफाई सेवकाें के वेतन पर हर महीने 7.60 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। इसके बावजूद शहर में सफाई न होने से लोग परेशान हैं। निगम वाहनाें से सुबह में 30 डंपिंग प्वाइंट से कचरा उठाने का काम किया जाता है। वहीं घराें से कचरा उठाने के लिए रैग पिकर्स भी लगे हैं।स्मार्ट सिटी में 32 करोड़ रुपए का किया टेंडरवरियाणा में कूड़े के पहाड़ की प्रोसेसिंग के लिए स्मार्ट सिटी में 32 कराेड़ रुपए का टेंडर किया था। इसमें कंपनी काे वरियाणा में आठ लाख मीट्रिक टन कचरा जैविक विधि से प्रोसेसिंग कर खत्म करना है। इसके लिए कंपनी ने जून 2021 में बायो माइनिंग प्राेजेक्ट के लिए सिविल वर्क शुरू किया, जोकि अनुबंध के हिसाब से 29 अप्रैल, 2022 तक पूरा करना था लेकिन यह काम अब तक अधूरा है। वरियाणा में बायो माइनिंग प्राेजेक्ट के लिए चारदीवारी लगभग पूरी की गई है और टीन की शेड के लिए पिलर और लाेहे के फ्रेम बनाने का काम चल रहा है। वीरवार काे प्लांट पर करीब आधा दर्जन मुलाजिम ही काम करते मिले। वहीं शहर में कचरा लाेगाें के लिए मुसीबत बना हुआ है। निगम के एसडीओ गगन लूथरा ने बताया कि कंपनी ने सिविल वर्क में देरी की तो 2.50 लाख जुर्माना लगाया है। कंपनी काे सितंबर तक काम पूरा करने का अतिरिक्त समय दिया गया है।कचरा प्रबंधन का काम भी बुरी तरह प्रभावितवरियाणा में कंपनी काे दाे वर्ष में 8 लाख मीट्रिक टन कचरा खत्म करना था। ऐसे में कूड़े का पहाड़ खत्म हाेने से निगम काे खाली जमीन मिलेगी। इस जमीन पर निगम कचरा प्रबंधन का काम भी शुरू कर सकेगा। हालांकि निगम डाेर-टू-डाेर कचरा उठाने का काम करने में लगा है, लेकिन जमीन नहीं हाेने से काम रामभराेसे है। इसका असर स्वच्छता रैंकिंग पर पड़ रहा है।
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