बसों में संत भिंडरावाले की फोटो लगाने पर अड़े सिख, बोले-धार्मिक फोटो हटाने की नोटिफिकेशन वापस ले सरकार
जालंधर: बस अड्डे पर बस में संत भिंडरांवाले की फोटो लगाने से रोकती पुलिस।जालंधर बस अड्डे पर आज सिख जत्थेबंदियों ने पंजाब सरकार के आदेश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकार ने पिछले दिनों नोटिफिकेशन जारी की थी कि सरकारी बसों में कोई धार्मिक चिन्ह या फोटो नहीं लगेगी। इसके विरोध में आज सिख जत्थेबंदियों के नेता औऱ अपने पूरे लाव लश्कर के साथ जालंधर के बस अड्डे पर पहुंच गए। सभी के हाथों में संत जरनैल सिंह भिंडरांवाले की फोटो थी।सरकारी बस पर संत भिंडरांवाले की फोटो चस्पां करने से रोकती पुलिससिखों का जत्था हाथों में संत भिंडरावाले के फोटो लेकर बसों में लगाने जा रहे हैं इसकी सूचना पुलिस को मिली तो अधिकारियों बस अड्डे व आसपास भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी। इसी दौरान कुछ पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ सिख जत्थेबंदियों के नेताओँ को साथ तनातनी वाला माहौल भी बना था। यह माहौल इसलिए बना था कि कुछ पुलिस कर्मचारियों ने हाथों संत भिंडरावाला की फोटो ले कर बस अड्डे में जा रहे सिखों को बाजी से पकड़ कर खींच लिया था।इसके बाद पलिस के अधिकारियों ने बीच में पड़ कर मामले को शांत करवाया। सिख जत्थेबंदियां मांग कर रही थीं कि वह रोजवेज की बसों में संत जरनैल सिंह भिंडरांवाला क फोटो लगाएंगे और देखते हैं कौन उन्हें हटाता है। उन्होनें कहा कि सरकार ने जो नोटिफिकेशन जारी की है उसे रद करे।बल पूर्वक सिख जत्थेबंदियों के नेताओं को खदेड़ते पुलिस अधिकारीसिख जत्थेबंदियों का कहना था कि हर किसी की अपनी आस्था है। कोई किसी की आस्था को लेकर उस पर बंदिश नहीं लगा सकता। आस्था सभी का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि यदि कोई हिंदु या मुस्लिम अपने धर्म की कोई फोटो या चिन्ह लगाना चाहता है तो उन्हें भी नहीं रोका जाना चाहिए। उन्हें भी आस्था स्वरुप अपने देवी देवताओं या धार्मिक चिंह को लगाने की इजाजत होनी चाहिए।बस अड्डे के बाद सिख जत्थेबंदियों ने जनरल मैनेजर रोडवेज की तरफ रुख कर लिया। जनरल मैनेजर के दफ्तर के बाहर जाकर सिख जत्थेबंदियों ने अपना रोष जताया। वहां जाकर उन्होंने नारेबाजी की। सिख जत्थेबंदियों ने कहा कि यह आस्था का सवाल है। यदि सरकार ने अपना निर्णय न बदला तो उन्हें सरकार का निर्णय बदलवाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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