आगरा: बीएचएमएस के स्टूडेंट्स और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कॉपियों को री-चेक कराने के लिए विवि में ज्ञापन दिया।डॉ. आम्बेडकर विश्वविद्यालय BHMS के सेकेंड और थर्ड ईयर के छात्रों की कॉपियों को फिर से चेक कराएगा। BHMS में 50% से ज्यादा स्टूडेंट्स फेल हुए हैं। छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनकी कॉपियां गलत चेक की हैं। चैलेंज इवेल्यूएशन के जरिए दोबारा कॉपियां जांच कराकर स्टूडेंट्स को मार्क्स दिए जाएंगे।प्रो कुलपति विजय तनेजा का कहना है कि यूनिवर्सिटी नहीं चाहता है कि किसी स्टूडेंट्स का भविष्य खराब हो। कोई भी छात्र RTI के तहत कॉपियों को देखकर उन्हें चेक करा सकता है। नंबरिंग में गलती है तो स्क्रूटनी के जरिए सही की जाएगी। उन्होंने बताया कि BHMS के थर्ड ईयर में 935 में से 51% और सेकेंड ईयर में 776 में 36% स्टूडेंट्स फेल हुए हैं। छात्रों की मांग पर कॉपियों को स्कैन कराकर विशेषज्ञों से मूल्यांकन कराया जाएगा।डी-कोडिंग सिस्टम से हुआ था मूल्यांकनयूनिवर्सिटी रजिस्ट्रार ओम प्रकाश का कहना है कि यूपी में BHMS के कुल 11 कॉलेज डॉ आम्बेडकर विवि से संबद्ध हैं। इनमें 9 सरकारी कॉलेज है। दो सेल्फ फाइनेंस हैं। परीक्षार्थियों की कॉपियों का मूल्यांकन विवि के खंदारी कैंपस में हुआ था। कॉपियां डी-कोडिंग के हिसाब से चेक की गईं। मूल्यांकन में गड़बड़ी को लेकर विवि के ऊपर लगाए जाने वाले सभी आरोप निराधार हैं। डी-कोडिंग सिस्टम में यह पता ही नहीं रहता है कि कॉपी किस छात्र की है या किस कॉलेज की है।ABVP ने दिया 10 दिन का अल्टीमेटममंगलवार को प्रदर्शन में एबीवीपी ने विवि को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रियंका तिवारी, विवि इकाई अध्यक्ष पुनीत कुमार ने कहा कि छात्रों की समस्या का निदान नहीं हुआ तो संगठन अनिश्चितकालीन धरना देगा। विरोध प्रदर्शन में नितिन माहेश्वरी, शुभम कश्यप, सौरभ चौधरी, शुभम चौहान, निखिल ठाकुर, हरेंद्र सिंह मौजूद रहे।जिन विषयों में अच्छे नम्बर थे उनमें किया फेलएलबीएस होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, प्रयागराज, नेमीनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, राजकीय श्री दुर्गाजी होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय, आजमगढ़ समेत विभिन् कॉलेजों के स्टूडेंटस ने बताया कि वे थर्ड ईयर के छात्र हैं। उन्हें उन्हीं सब्जेक्ट्स में फेल किया गया है, जिनमें पिछले सेशन में ज्यादा नंबर मिले थे। सर्जरी, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी विषय ज्यादा छात्र फेल किए हैं। सेकेंड ईयर में पैथोलॉजी और फॉरेंसिक मेडिकल साइंस विषय में छात्रों को फेल किया है। छात्रों ने कॉपियों को दूसरे टीचर्स से चेक कराने की मांग की है।कॉलेज संचालकों ने गड़बड़ी में यूनिवर्सिटी को बताया जिम्मेदारकॉलेज संचालकों ने गड़बड़ी के लिए यूनिवर्सिटी को जिम्मेदार बताया है। आरोप है कि विश्वविद्यालय गाइडलाइन के मुताबिक जो टीचर्स प्रश्नपत्र तैयार करते हैं। कॉपियों का मूल्यांकन भी उनकी देखरेख में होना चाहिए। जबकि विश्वविद्यालय ने बाहर के परीक्षक नियुक्त किए। इस कारण धांधली हुई और छात्र फेल हो गए। हालांकि यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि कॉपियां नियमानुसार ही चेक कराई गई हैं। जिन टीचरों ने कॉपियां चेक की थीं। वे ज्यादातर एडेड कॉलेज के थे। सबको लम्बा एक्सपीरियंस भी है।
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6740100cookie-checkBHMS के छात्र-छात्राओं और ABVP के प्रदर्शन के बाद यूनिवर्सिटी ने किया फैसला
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