जालंधर: पिछली मीटिंग की तस्वीर जिसमें LED लाइट्स घोटाले पर पार्षद सवाल खड़े कर रहे हैं।पंजाब के जालंधर में LED लाइट्स घोटाले की रिपोर्ट नगर निगम हाउस में पेश हो जाने के बाद अब जांच को लेकर आज हाउस की बैठक होने जा रही है। बैठक में फैसला होगा कि LED लाइट्स घोटाले को जांच राज्य की जांच एजेंसी से करवाई जाए या फिर केंद्रीय जांच एजेंसी से करवाई जाए।इस मुद्दे को लेकर यह चौथी बैठक होने जा रही है। यह चौथी बैठक नगर निगम कमिश्नर की गैर मौजूदगी में होगी। पार्षद औऱ मेयर खुद ही जांच विजिलेंस से करवाई जाए या फिर केंद्रीय एजेंसी से इसका फैसला करेंगे।साढ़े चार साल तक लोगों को अंधेरे में रखने के बाद नगर निगम के चुनावी सीजन में इसके घोटाले का जिन्न भी बाहर आ गया है। पार्षदों ने हाउस की बैठक में बहुत ही जोर शोर से इस मुद्दे को उठाया था और खूब हंगामा भी किया था। इस पर मेयर ने विशेष बैठक बुलाने का निर्णय लिया था।कमेटी का गठन किया थाविशेष बैठक में फैसला हुआ था कि पहले इस सारे मामले की अपने स्तर पर जांच पड़ताल की जाए। इसके लिए हाउस में ही सर्वसम्मति से एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने अधिकारियों को तलब करके सारे दस्तावेज लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट को पिछली बैठक में हाउस के पटल पर रखा था।इस रिपोर्ट में पार्षदों ने कहा है कि LED लाइट्स लगाने वाली कंपनी को एग्रीमेंट को दरकिनार कर करोड़ों रुपये का फायदा पहुंचाया गया है। कंपनी को आठ करोड़ की इनहांसमेंट (ठेके में वृद्धि) दी गई। इसके अलावा जो नई लाइटें लगाने के लिए पुरानी सोडियम लाइटें उतारी गईं उनमें 12 हजार लाइटें रास्ते में ही गायब हो गई हैं। इसके अलावा पार्षदों ने कहा है कि कंपनी ने न तो शहर में अपना कोई दफ्तर खोला और न ही कोई शिकायत केंद्र जहां पर लाइटों के खराब होने पर शिकायत दर्ज करवाई जा सके। शहर में लाइटें लगाने से पहले एक सर्वे करवाया गया था, लेकिन सर्वे के अनुसार जहां पर लाइटें लगनी चाहिए थी, वहीं पर लाइटें ही नहीं लगी। डार्क जोन अब भी वैसे के वैसे ही पड़े हुए हैं।मेयर पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थेपार्षदों ने पिछली बैठक में जब हाउस की बैठक में रिपोर्ट पेश की थी तो मेयर जगदीश राज राजा को भी लपेटे में लिया था। कुछ पार्षदों ने आरोप जड़ा था कि मेयर जान बूझ कर जांच के काम को लेट कर रहे हैं ताकि कंपनी को अपना काम दुरुस्त करने का मौका मिल जाए। इनमें कांग्रेस पार्टी के पार्षद भी शामिल थे जिन्होंने मेयर पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
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