Share on Google+
Share on Tumblr
Share on Pinterest
Share on LinkedIn
Share on Reddit
Share on XING
Share on WhatsApp
Share on Hacker News
Share on VK
Share on Telegram
50F64F81645A2A453ED705C18C40448C

कब है राधा अष्टमी? जानें मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद राधाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण की प्रिय राधा रानी का जन्मोत्सव भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल राधा अष्टमी 4 सितंबर 2022 रविवार को है। कृष्ण जन्माष्टमी की तरह राधा अष्टमी का त्योहार भी मथुरा, वृंदावन और बरसाने में बड़े जोर-शोर के साथ मनाते हैं। वहीं महिलाएं घर में सुख-शांति और खुशहाली के लिए श्री राधा अष्टमी का व्रत रखती हैं। कहा जाता है कि राधा नाम के जाप से भगवान श्री कृष्ण भी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। राधा अष्टमी के दिन व्रत रखने और राधा रानी के साथ कृष्ण जी की पूजा करने से घर में धन-धान्य के भंडार भरे रहते हैं। साथ ही भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं राधा अष्टमी पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त…

राधा अष्टमी 2022 मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 03 सितंबर 2022 को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर आरंभ होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 4 सितंबर 2022 रविवार को सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार राधा अष्टमी का पर्व 04 सितंबर को मनाया जाएगा।

राधा अष्टमी 2022 पूजा विधि
शास्त्रों के अनुसार, राधा अष्टमी के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद तांबे या मिट्टी का कलश पूजन स्थल पर रखें और एक तांबे के पात्र में राधा जी की मूर्ति स्थापित करें।एक साफ चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। उसके ऊपर राधा रानी की प्रतिमा स्थापित करें। पंचामृत से स्नान करवाकर सुंदर वस्त्र पहनाकर दोनों का श्रंगार करें। फल-फूल और मिष्ठान अर्पित करें। इसके बाद राधा कृष्ण के मंत्रों का जाप करें, कथा सुने। साथ ही राधा कृष्ण की आरती अवश्य गाएं।

राधा अष्टमी का महत्व
भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी दोनों एक दूसरे से प्रेम करते थे। कहा जाता है कि राधा के बिना कृष्ण जी की पूजा अधूरी मानी गई है। जो लोग कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखते हैं, उन्हें राधा रानी के जन्मोत्सव पर भी व्रत अवश्य रखना चाहिए। मान्यता है कि राधा अष्टमी के व्रत के बिना कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत का पूरा पुण्य प्राप्त नहीं होता है। राधा अष्टमी के दिन राधा और कृष्ण दोनों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने वालों को सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

755310cookie-checkकब है राधा अष्टमी? जानें मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
Artical

Comments are closed.

‘वैन में वापस जाओ…’ जब 65 साल की नीना गुप्ता से बोला डायरेक्टर का असिस्टेंट, सुनाया फिल्म से जुड़ा किस्सा     |     Mumbra train mishap: Probe slows down as inputs from key CR staff awaited | India News     |     आज ही स्मार्टफोन से डिलीट कर दें ये 10 ऐप्स, वरना होगा भारी नुकसान, सरकार ने दी चेतावनी, देखें लिस्ट     |     Married Woman Poisoned To Death After Dowry Demand Was Not Met, Had Called Her Father Before Dying – Amar Ujala Hindi News Live     |     Kanpur: Minor Kidnapped And Forced To Convert – Amar Ujala Hindi News Live     |     Kedarnath Helicopter Crash Pm Modi Spoke To Cm Dhami Over Phone Took Full Update Of Accident – Amar Ujala Hindi News Live     |     Delhi Ncr Weather News Storm And Rain Brought Relief To People From Humid Heat – Amar Ujala Hindi News Live     |     Mother Shoots Dead Her 18 Year Old Son In Dhar After Argument On Love Affair – Amar Ujala Hindi News Live     |     Couple Arrested With Heroin Worth Rs 1.5 Crore – Rajasthan News     |     डेब्यू मैच में इस गेंदबाज ने दे दिए 81 रन, टूट गया 18 साल पुराना रिकॉर्ड     |    

9213247209
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9907788088