Maharashtra:अजित पवार के दांव से शरद पवार को विदर्भ में भी लग सकती है चोट, 62 सीटों पर पड़ेगा भारी – Maharashtra: Ajit Pawar Step May Hurt Sharad Pawar In Vidarbha, Could Affect On Many Seats महाराष्ट्र By Rehnews LTD On Jul 12, 2023 यह भी पढ़ें इस जिंदा एक्टर की मौत का मना था मातम, सफेद साड़ियां पहनकर घर… Nov 19, 2024 Asian Games 2023 Smriti Mandhana will be captain of Indian… Jul 26, 2023 आगे पढ़ने के लिए लॉगिन या रजिस्टर करें अमर उजाला प्रीमियम लेख सिर्फ रजिस्टर्ड पाठकों के लिए ही उपलब्ध हैं विस्तार महाराष्ट्र के सियासी समीकरण 02 जुलाई को एक बार फिर पलट गए। एनसीपी नेता अजित पवार ने चाचा शरद पवार का दूसरी बार साथ छोड़ा और 8 सीनियर विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना की शिंदे सरकार में शामिल हो गए। इसकी पटकथा बेशक पहले से लिखी जा चुकी थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर यह सब कुछ सिर्फ एक घंटे में हो गया। एनडीए ने जितनी तेजी से अजित पवार और उनके विधायकों को मंत्री बनाने में दिखाई, उतनी ही तेजी से अजित पवार को एनसीपी से अलग किया गया। एनसीपी में हुई इस बगावत के बाद जो दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, वे हैं अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल। अजित महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम बनने से पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता थे तो वहीं, प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका में थे। पटेल की गिनती शरद पवार के भरोसेमंद नेताओं में होती रही है। ऐसे में प्रफुल्ल पटेल का अजित पवार के साथ राजभवन जाना, एनसीपी विधायकों के मंत्री पद की शपथ लेते समय मौजूद रहना और फिर इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी मौजूद रहना चौंकाने वाला रहा। पटेल की मौजूदगी पर शरद पवार ने कहा, प्रफुल्ल पटेल पर कार्रवाई करनी होगी क्योंकि उन्हें हमने पार्टी में जिम्मेदारी दी थी। अजित महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम बनने से पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता थे तो वहीं, प्रफुल्ल पटेल एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका में थे। पटेल की गिनती शरद पवार के भरोसेमंद नेताओं में होती रही है। ऐसे में प्रफुल्ल पटेल का अजित पवार के साथ राजभवन जाना, एनसीपी विधायकों के मंत्री पद की शपथ लेते समय मौजूद रहना और फिर इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी मौजूद रहना चौंकाने वाला रहा। पटेल की मौजूदगी पर शरद पवार ने कहा, प्रफुल्ल पटेल पर कार्रवाई करनी होगी क्योंकि उन्हें हमने पार्टी में जिम्मेदारी दी थी। प्रफुल्ल पटेल विदर्भ क्षेत्र के गोंदिया से आते हैं। वे आठवीं बार सांसद हैं। वे चार बार 1991, 1996, 1998 और 2009 में गोंदिया-भंडारा लोकसभा सीट का संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। वह चौथी बार राज्यसभा के सदस्य भी हैं। 2022 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने से पहले साल 2000, 2006 और 2016 में भी वे उच्च सदन के सदस्य रह चुके हैं। मनमोहन सरकार के सबसे युवा मंत्री रहे प्रफुल्ल पटेल साल 2009 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री भी रह चुके हैं। पटेल 1985 में पहली बार 33 साल की उम्र में गोंदिया नगर परिषद के अध्यक्ष चुने गए थे। अब प्रफुल्ल पटेल के अजित पवार के साथ बागी धड़े के साथ जाने से विदर्भ क्षेत्र में पार्टी के लिए बड़ा शून्य उत्पन्न हो गया है। प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में 11 जिले आते हैं। इन जिलों में लोकसभा की 10 और विधानसभा की 62 सीटें हैं। लोकसभा चुनाव की बात करें, तो साल 2019 में भाजपा को पांच, शिवसेना को तीन और एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी। प्रदेश की 48 में से चार सीटें जीतने वाली एनसीपी विदर्भ में खाता भी नहीं खोल पाई थी। हाल ही में विदर्भ में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने अपने करीबी प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का फैसला किया था। पवार के इस फैसले के बाद सभी को उम्मीद थी कि पार्टी की इस क्षेत्र में स्थिति सुधरेगी। लेकिन पटेल के अजित पवार के खेमे में जाने के बाद पवार को विदर्भ में भी तगड़ा झटका लगा है। पटेल को अब अपने गढ़ में मिलेगी चुनौती पटेल गोंदिया भंडारा लोकसभा सीट से चार बार के सांसद रहे चुके हैं। वहीं महाविकास अघाड़ी में एनसीपी की गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले भी इसी लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। पटोले भंडारा की साकोली सीट से विधायक हैं। वे अघाड़ी सरकार में विधानसभा स्पीकर भी थे। 2014 में नाना पटोले ने भाजपा के टिकट पर गोंदिया-भंडारा लोकसभा का चुनाव लड़ा था। तब उन्होंने प्रफुल्ल पटेल को करीब 1.50 लाख वोटों से हराया था और वह पहली बार सांसद बने थे। लेकिन ताजा घटनाक्रम के बाद अब एक बार फिर से गोंदिया-भंडारा दो पुराने प्रतिद्वंद्वियों के बीच सियासी वर्चस्व की जंग का अखाड़ा बनेगा। Source link Like0 Dislike0 9715300cookie-checkMaharashtra:अजित पवार के दांव से शरद पवार को विदर्भ में भी लग सकती है चोट, 62 सीटों पर पड़ेगा भारी – Maharashtra: Ajit Pawar Step May Hurt Sharad Pawar In Vidarbha, Could Affect On Many Seatsyes
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