Acb Files Case Against Three Private Agencies Providing Security Personnel In Delhi Government Hospitals – Amar Ujala Hindi News Live

अस्पताल (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
राजधानी के सरकारी अस्पतालों में आपराधिक वारदातें कैसे रुके जब सुरक्षा गार्डों की तैनाती में अधिकारी और निजी एजेसियां मिलीभगत कर भ्रष्टाचार का खेला खेल रही हैं। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में निजी सुरक्षा गार्ड तैनात करने में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। अस्पताल में सुरक्षा कर्मी तैनात नहीं फिर भी उसका भुगतान निजी एजेंसियों को किया जाता रहा। यहां तक अयोग्य कर्मियों की तैनाती की गई। इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने निजी सुरक्षा प्रदाता एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है।
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एसीबी का दावा है कि मामले में कई अधिकारी शामिल हैं। बीते दिनों पूर्वी दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल जीटीबी अस्पताल के अंदर बदमाशों ने एक मरीज की हत्या कर दी थी। जिन निजी एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है वह जीटीबी में भी सुरक्षाकर्मियों की तैनात की थी। एसीबी के संयुक्त आयुक्त मधुर वर्मा ने बताया कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में सुरक्षा गार्डों की तैनाती, ईएसआइ और पीएफ कटने के फर्जी दावे, गार्डों से रिश्वत मांगने समेत कई तरह की शिकायतें मिल रही थी। दो शिकायतकर्ताओं एसीबी के कार्यालय आकर शिकायत दी बताया कि वे कुछ सुरक्षा एजेंसी में सुरक्षा सुपरवाइजर के तौर पर काम कर रहे हैं।
उक्त एजेंसी जीटीबी अस्पताल, शाहदरा, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, ताहिरपुर, बीआर अम्बेडकर अस्पताल, रोहिणी, एसडीएन अस्पताल, शाहदरा व हिंदू राव अस्पताल समेत दिल्ली सरकार के अन्य अस्पतालों में सुरक्षा कर्मी मुहैया कराती है। यह कर्मचारियों के वेतन में से पैसे लेती है। मामले की जांच में पता चला कि एजेंसी मालिकों की सरकार अधिकारी के साथ मिलीभगत है। गहन जांच करने पर इस मामले में कई स्तर पर भ्रष्टाचार का पता चला।
मानक के अनुरूप कम तैनाती
एसीबी की जांच में पता चला कि निजी एजेंसियां टेंडर में तय सुरक्षा कर्मियों की संख्या से कम तैनाती करते थे। एजेंसी अगर कागजों में 100 सुरक्षा गार्ड मुहैया कराने का दावा करती थी तो असल में वह 40 कर्मियों की ही तैनाती होती थी। लेकिन उसका भुगतान टेंडर में तय सुरक्षा कर्मियों की संख्या के अनुसार होता था। एक ही सुरक्षा गार्ड कई अस्पतालों में तैनात दिखाया गया। टेंडर नियमों का उल्लंघन और बिना पुलिस सत्यापन के अयोग्य सुरक्षा कर्मियों को भर्ती करते थे। फर्जी पीएफ, ईएसआई और यूएएन के खिलाफ फर्जी और जाली दावे का भी पता चला है। फिलहाल इस मामले में सरकारी अधिकारियों के बारे में पता लगाया जा रहा है।

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