सिंगरौली जिले में गोंड वृहद सिंचाई परियोजना के तहत बांध बनाने के लिए आदिवासी वर्ग की जमीन का अधिग्रहण किए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई। याचिका में कहा गया कि नियम व कानून को ताक पर रखकर आदिवासियों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। याचिका पर सरकार की तरफ से पेश जवाब में कहा गया है कि नियमानुसार भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई किए बिना बांध निर्माण के संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की जाएगी। सरकार के जवाब को रिकॉर्ड में लेते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने याचिका का निराकरण कर दिया। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि अगर, नियमों का उल्लंघन होता है तो याचिकाकर्ता उचित फोरम में जाने के लिए स्वतंत्र है।

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