After 5251 years Amazing yog like Dwapar Yug on Janmashtami pooja vidhi vrat sankalp 5251 साल बाद कृष्ण जन्माष्टमी पर द्वापर युग जैसे अद्भुत योग, जानें कृष्ण पूजन के 4 मुहूर्त, व्रत संकल्प-पूजाविधि, धर्म न्यूज़
Krishna Janmashtami 2024 Muhurat: 2024 की कृष्ण जन्माष्टमी सोमवार को खास संयोग में मनाई जाएगी। इस दिन वैसा ही दुर्लभ योग बन रहा है जैसा कि 5251 वर्ष पूर्व यानी द्वापर युग में बना था। इस दिन रोहिणी नक्षत्र के साथ सूर्य सिंह में, चंद्रमा वृषभ राशि में और जयंती योग बन रहा है। ऐसा दुर्लभ योग बनना काफी शुभ माना जा रहा है। इस योग में पूजा करने से कई गुना अधिक फल मिलेगा। माना जाता है कि जयंती योग में व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी। 26 अगस्त के दिन रोहिणी नक्षत्र दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से शुरू होगा और 27 तारीख की मध्य रात्रि तक रहेगा। इसके साथ ही चंद्रमा जन्माष्टमी के दिन वृषभ राशि में रहेगा, माना जाता है कि जब कृष्ण भगवान का जन्म हुआ था, तब भी ऐसा ही योग बना था, यानि चंद्रमा उस समय भी वृषभ राशि में विराजमान था। इसके साथ ही जन्माष्टमी का त्योहार इस बार सोमवार के दिन है। जब भी यह त्योहार सोमवार या बुधवार के दिन आता है तो, इसे बेहद शुभ संयोग माना जाता है। यह जानकारी बाबा विश्वनाथ ज्योतिष केंद्र के पंडित मिथलेश तिवारी ने दी।
26 या 27 अगस्त कृष्ण जन्माष्टमी कब? ज्योतिषाचार्य से जानें सही डेट
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत संकल्प और पूजा-विधि
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन प्रातः काल स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद पूजन अर्चना कर व्रत का संकल्प करें। भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र स्थापित कर झांकी सजाएं। इसके बाद विधि-विधान से पूजन करें। पूजन में देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा और लक्ष्मी जी, इन सबका नाम क्रमशः लेना चाहिए। प्रभु श्री कृष्ण का गंगाजल और कच्चे दूध से अभिषेक करें। कन्हैया को साफ कपड़े से पोछकर वस्त्र, कंगन, कुंडल, मुकुट और फूलों की माला पहनाएं। फिर इन्हें पालने में झूला झुलाएं। अब घी के दीपक से प्रभु की आरती करें गाएं। माखन-मिश्री का भोग लगाएं और क्षमा प्रार्थना करें
कृष्ण जन्माष्टमी पर 4 शुभ पूजा मुहूर्त
1- सुबह के समय पूजा का शुभ मुहूर्त- प्रात:काल 5 बजकर 55 मिनट से 7 बजकर 36 मिनट तक (इस दौरान अमृत चौघड़िया रहेगा)।
2- शाम के समय पूजा का शुभ मुहूर्त- दोपहर 3 बजकर 35 मिनट से 7 बजे तक।
3- रात के समय पूजा का शुभ मुहूर्त- रात्रि 12 बजे से 12 बजकर 45 मिनट तक।
4- अभिजीत मुहूर्त- इसे शुभ समय माना जाता है और इस दौरान भी आप कृष्ण भगवान का पूजन कर सकते हैं, दिन के समय 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा।

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