Aicte Chief Said Youth Should Also Study Vlsi Design And Technology Courses – Amar Ujala Hindi News Live

एआईसीटीई के अध्यक्ष व आईआईटी गुवाहाटी के पूर्व निदेशक प्रोफेसर टीजी सीताराम
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जेईई मेन-2024 परीक्षा के रिजल्ट के बाद इंजीनियरिंग क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने वाले छात्र बीटेक दाखिले की तैयारियों में लगे हुए हैं। ऐसे में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के अध्यक्ष व आईआईटी गुवाहाटी के पूर्व निदेशक प्रोफेसर टीजी सीताराम ने छात्रों की उलझनों को दूर किया। उन्होंने वीएलएसआई डिजाइन और प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों को अपने डिग्री प्रोग्राम को शामिल करने का आग्रह किया।
एआईसीटीई ने गुरुवार को छात्रों को इंजीनियरिंग क्षेत्र और उससे जुड़ी जानकारियां देने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें विशेषज्ञों ने छात्रों को इंजीनियरिंग में पारंपरिक के अलावा उभरते क्षेत्रों की विस्तार से जानकारी दी। सत्र का उद्घाटन एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम ने किया। उन्होंने सेमीकंडक्टर उद्योग में वीएलएसआई के महत्व को रेखांकित किया। अपने संबोधन में प्रोफेसर सीतारम ने वीएलएसआई टेक्नोलॉजी की बढ़ती प्रासंगिकता और छात्रों को उनकी कॉलेज शिक्षा के दौरान आवश्यक कौशल से लैस करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वीएलएसआई एक उभरता हुआ क्षेत्र है।
हमें छात्रों को कुशल बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आज उद्योग जगत को ऐसे कर्मचारियों की आवश्यकता है जो पहले दिन से काम करने के लिए तैयार हों। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम को तैयार किया गया है। प्रो. सीताराम ने पाठ्यक्रम संशोधन समिति की भी सराहना की। इस दौरान उन्होंने समृद्ध डोमेन नॉलेज, शिक्षण की इनोवेटिव शैली और प्रयोगात्मक शिक्षण परियोजनाओं के साथ शिक्षकों को तैयार करने पर भी जोर दिया।
इन क्षेत्रों में ध्यान देने की जरूरत
विशेषज्ञों ने सेमीकंडक्टर उपकरण/मैन्युफैक्चरिंग, एनालॉग मिक्स्ड-सिग्नल और आरएफ सर्किट, डिजिटल डिजाइन और सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन, डिस्प्ले टेक्नोलॉजीस, सेमीकंडक्टर पैकेजिंग के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी। विशेषज्ञों ने कहा कि छात्र इन एरिया में भी खास तौर पर ध्यान दें। इन एरिया की ग्लोबल मार्केट में बेहद डिमांड है। विशेषज्ञों ने कहा कि हमारा लक्ष्य छात्रों की स्नातक डिग्री पूरी करने से पहले उन्हें इंडस्ट्री की जरूरतों के आधार पर तैयार करना है। कार्यक्रम में डीयूके, आर्म एजुकेशन इंडिया, एसटी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, सिनोप्सिस और कैडेंस डिजाइन सिस्टम्स के उद्योग प्रतिनिधियों ने कंटेंट, उपकरण, इंटर्नशिप, एफडीपी के रूप में संसाधनों की नि:शुल्क उपलब्धता की जानकारी दी।

Comments are closed.