पैरों की नसों में ब्लाॅकेज का उपचार अब बिना सर्जरी के भी हो सकेगा। एम्स के रेडियोलॉजी विभाग ने एथेरेक्टाॅमी तकनीक से फीमोरल धमनी (जांघ की सबसे बड़ी रक्त वाहिका) में ब्लाॅकेज की समस्या का उपचार किया है।

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