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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जारी हैं। उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने चुनावी रणनीतिकार का चुनाव भी कर लिया है। खबर है कि एनसीपी ने नरेश अरोरा को विधानसभा चुनाव की रणनीति का जिम्मा सौंपा है। खास बात है कि हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में महायुति (भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना-एनसीपी) खास प्रदर्शन नहीं कर सकी थी।
सोमवार को एनसीपी ने चुनावी तैयारियों के लिए रणनीतिकार नरेश अरोरा से हाथ मिला लिया है। डिप्टी सीएम पवार ने वरिष्ठ नेताओं प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे की मौजूदगी में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। अरोरा कैंपेन मैनेजमेंट कंपनी DesignBoxed चलाते हैं। खास बात है कि अरोरा पहले भी राजस्थान और कर्नाटक समेत कांग्रेस के लिए कई चुनावी अभियान संभाल चुके हैं।
ऐसे होंगी तैयारियां
खबर है कि बैठक के दौरान अरोरा ने विधानसभा चुनाव के लिए ब्रांडिंग और स्ट्रेटेजी पर चर्चा की। इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि एनसीपी ने मतदाताओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए ’90 डे प्लान’ तैयार किया है। इसके तहत वित्त मंत्री अजित पवार की तरफ से घोषित लोकप्रिय योजनाओं का प्रचार किया जाएगा।
एनसीपी में टूट
पिछले साल जुलाई में, अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के समर्थन का हवाला देकर चुनाव चिह्न के साथ-साथ पार्टी का नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर भी दावा किया। आयोग ने अजित पवार गुट के दावे को सही ठहराया और शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अंतरिम उपाय के तौर पर नया नाम चुनने को कहा।
शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा-एसपी ने महाराष्ट्र में 10 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा और आठ पर जीत हासिल की, जबकि अजित पवार की राकांपा ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ एक पर जीत हासिल कर सकी। सुले ने कहा कि राकांपा-एसपी ने ”तुरही” और ”तुरही बजाता हुआ आदमी” जैसे समान दिखने वाले चुनाव चिह्न का मुद्दा भी उठाया। निर्वाचन आयोग ने राकांपा-एसपी को ”तुरही बजाता हुआ आदमी” चुनाव चिह्न आवंटित किया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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