दरअसल अग्रसेन सर्किल के समीप गाड़िया लोहार बस्ती के एक 85 वर्षीय वृद्ध का निधन हो गया था। आमतौर पर परिवार के बुजुर्ग के निधन के बाद लोग शोक में डूब जाते हैं, लेकिन इस परिवार ने अलग ही तरीके से शवयात्रा निकल कर आनंद मनाया। परिजन और बस्ती के लोग भजनों और डीजे के गानों पर नाचते गाते ओर गुलाल उड़ाते हुए आगे आगे चल रहे थे। वहीं हाथी-घोड़े और ऊंट की सवारी के साथ तीजकी श्मशान घाट पहुंचे। इस तरह इन लोगों ने यह भी दर्शाया कि मृत्यु एक शाश्वत सत्य है और इसे हंसकर स्वीकार किया जाना चाहिए।
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हालांकि जानकारी के अनुसार मृतक अल्वरिया लुहार राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और दिल्ली में रहने वाले गड़रिया लुहारों का पंच, सरपंच और प्रधान थे। उन्होंने अपने समाज के लिए काफी अच्छे फैसले लिए और अच्छे काम किए। जहां भी समाज के लोगों को जरूरत होती वहां अल्वरिया लुहार पहुंच जाते थे। इसके चलते परिवारजनों के साथ-साथ पूरे समाज के लोगों ने एक राय होकर इतनी बड़ी भव्य शव यात्रा निकाली, जिसको पूरा शहर देखता रह गया। देर शाम तीजकी श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। साथ ही परिजनों में यह भी बताया इस तरह से शव यात्रा निकालने का रिवाज काफी वर्षों से हमारे यहां चला आ रहा है। हम इस रिवाज को कायम करते हुए ऐसी यात्रा निकालते हैं। रिछपाल गड़रिया लुहार की शव यात्रा में शामिल होने के लिए दिल्ली, गुड़गांव, हरियाणा राजस्थान और उत्तरप्रदेश से लोग शामिल हुए।
