Amar Ujala Samvad:कारोबारी बोले- रेरा के पास असीमित अधिकार, खरीदारों का पैसा पहले, बैंक का बाद में – Amar Ujala Samvad 2023 In Dehradun Traders Discussion About Rera

देहरादून में अमर उजाला संवाद कार्यक्रम
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पुष्पांजलि की आर्किड पार्क और अन्य परियोजनाओं में जीवनभर की पूंजी लगाने के बाद भी खरीदारों को फ्लैट नहीं मिल रहे हैं। बिल्डर पर मुकदमे दर्ज कराए गए तो वह फरार हो गया। पांच साल से फ्लैट के लिए लड़ाई लड़ रहे खरीदार बुधवार को अमर उजाला के संवाद कार्यक्रम में पहुंचे और अपना दर्द बयां किया।
कहा, वर्ष 2018 से वे हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। करीब 90 लोगों की जीवनभर की पूंजी फ्लैटों में लगी हुई है लेकिन सरकारी तंत्र सुनने को तैयार नहीं है। भू-संपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) से भी इंसाफ नहीं मिल पा रहा है। आरोप लगाया कि रेरा कठपुतली बनकर काम कर रहा है। वहीं, रेरा के पूर्व सदस्य एमसी जोशी ने कहा कि प्राधिकरण के पास असीमित अधिकार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि बैंक का पैसा बाद में है, पहले खरीदारों का पैसा है। बैंक ने केवल लोन दिया है जबकि खरीदारों की मेहनत की पूंजी लगी है।
ऐसे में जब तक प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाएगा, फ्लैट नहीं बिकेंगे और बैंक का पैसा नहीं निकलेगा। ऐसी स्थिति में बैंक से वार्ता कर बीच का रास्ता निकालना चाहिए। नए बिल्डर से अधूरा निर्माण पूरा कराकर फ्लैटों को बेचकर बैंक और खरीदारों दोनों को राहत मिल सकती है।
इसलिए रेरा को खरीदारों के हक की लड़ाई में अपने अधिकारों को पहचानकर उनका प्रयोग करना होगा। खरीदारों ने कहा कि सरकारी तंत्र पुष्पांजलि समेत अन्य परियोजनाओं के बिल्डर्स को बचाने में लगा है। इन लोगों ने वर्ष 2016 में फ्लैट बुक कराया। पहले चेक से भुगतान लिया गया। बाद में कैश देने का दबाव बनाया गया तो नकद भुगतान किया गया। लेकिन, निर्माण बीच में ही रोक दिया गया। इस बीच खरीदारों की जीवनभर की पूंजी लेकर बिल्डर फरार हो गया। कहा, पुष्पांजलि इंफ्राटेक प्रा. लि. की धोखाधड़ी के शिकार बायर्स हर जगह गुहार लगा चुके हैं लेकिन आर्किड पार्क और एमिनेंट हाइट्स के फ्लैट खरीदारों को कहीं से इंसाफ नहीं मिल रहा है।

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