Amarnath Yatra: तीर्थयात्रियों के मददगार बने ITBP के जवान, दे रहे ऑक्सीजन…कंधे का सहारा दे करा रहे यात्रा पूरी
पवित्र श्री अमरनाथ यात्रा के लिए 8,700 से अधिक तीर्थयात्रियों का पांचवां जत्था रविवार को आधार शिविर से दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ तीर्थस्थल के लिए रवाना हो गया। इसी बीच अमरनाथ यात्रा के मार्ग से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस ( ITBP) के जवानों की तस्वीरें सामने आई हैं जो जरूरतमंद तीर्थयात्रियों की मदद में जुटे हुए हैं। यात्रा मार्ग पर अगर किसी तीर्थयात्री की हालत खराब हो रही है तो उन्हें ऑक्सीजन भी दे रहे है।
सामने आईं तस्वीरों में ITBP के जवान बुजुर्गों को पानी पिला रहे है और जिन लोगों को चढ़ने में दिक्कत आ रही है, उन्हें कंधे का सहारा देकर उनके स्थान तक ले जा रहे हैं। यही नहीं जवान घायलों को अस्पताल भी ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ जिन लोगों को मामूली चोटें आई हैं, उनका वे प्राथमिक उपचार भी कर रहे हैं। एक खबर के मुताबिक 2 जुलाई तक इन ITBP के जवानों ने अबतक 50 से अधिक लोगों को ऑक्सीजन की सेवा दी।
5वां जत्था हुआ रवाना
अमरनाथ यात्रा के लिए 8,700 से अधिक तीर्थयात्रियों का पांचवां जत्था रविवार को यहां आधार शिविर से दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ तीर्थस्थल के लिए रवाना हो गया। अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्री 326 वाहनों के काफिले में यहां भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हुए। उन्होंने कहा कि बालटाल जाने वाले 2,618 तीर्थयात्री सबसे पहले भगवती नगर शिविर से 121 वाहनों में तड़के साढ़े तीन बजे रवाना हुए, इसके बाद 205 वाहनों से 6,155 तीर्थयात्रियों का दूसरा काफिला पहलगाम के लिए रवाना हुआ। वार्षिक 43-दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून को दोनों आधार शिविरों – दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में 48 किलोमीटर के नुनवान-पहलगाम मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में 14 किलोमीटर के बालटाल मार्ग से शुरू हुई।
अधिकारियों ने बताया कि सुबह 9 बजे तक 39,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा में प्राकृतिक रूप से निर्मित बर्फ के शिवलिंग की पूजा अर्चना की। अधिकारियों ने कहा कि पहलगाम के लिए रवाना हुए 6,155 तीर्थयात्रियों में 1,924 महिलाएं, 12 बच्चे और दो ट्रांसजेंडर हैं, जबकि बालटाल जाने वाले समूह में 709 महिलाएं शामिल हैं। इसके साथ, 29 जून से घाटी के लिए भगवती नगर आधार शिविर से कुल 31,987 तीर्थयात्री रवाना हुए हैं। इसी दिन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई थी। यात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी।
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