Amritpal Singh Warn His Family I Will Always Choose Religion Not Family – Amar Ujala Hindi News Live – Punjab:अमृतपाल ने अपने ही घरवालों को चेताया, कहा

सांसद अमृतपाल सिंह
– फोटो : फाइल
विस्तार
पंजाब की लोकसभा सीट खडूर साहिब से निर्दलीय सांसद और खालीस्तानी समर्थक अमृतपाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अमृतपाल ने वहां से ही अपने परिवार को चेतावनी दी है। अमृतपाल सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि अगर मुझे पंथ और परिवार में से किसी एक को चुनना हो तो मैं हमेशा पंथ को ही चुनूंगा।
दरअसल, अमृतपाल सिंह ने यह पोस्ट एक दिन पहले उसकी मां बलविंदर कौर के दिए बयान पर नराजगी जताते हुए की है। अमृतपाल की मां ने एक बयान दिया था, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। बलविंदर कौर ने कहा था कि अमृतपाल खालीस्तानी समर्थक नहीं है। उनके बेटे (अमृतपाल) ने संविधान के दायरे में रहकर ही चुनाव लड़ा है। पंजाब के युवाओं को बचाना खालिस्तान समर्थन नहीं है।
ਰਾਜ ਬਿਨਾ ਨਹਿ ਧਰਮ ਚਲੈ ਹੈਂ॥
ਧਰਮ ਬਿਨਾ ਸਭ ਦਲੈ ਮਲੈ ਹੈਂ॥
ਗੁਰੂ ਰੂਪ ਗੁਰੂ ਪਿਆਰੀ ਸਾਧ ਸੰਗਤ ਜੀਓ ॥
ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕਾ ਖਾਲਸਾ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਕੀ ਫਤਹਿ ॥
ਕੱਲ ਮਾਤਾ ਜੀ ਵੱਲੋਂ ਦਿੱਤੇ ਬਿਆਨ ਬਾਰੇ ਜਦੋਂ ਅੱਜ ਮੈਨੂੰ ਪਤਾ ਲੱਗਾ ਤਾਂ ਮੇਰਾ ਮਨ ਬਹੁਤ ਦੁਖੀ ਹੋਇਆ ॥ਬੇਸ਼ੱਕ ਮੈਨੂੰ ਇਹ ਯਕੀਨ ਹੈ ਕਿ ਮਾਤਾ ਜੀ ਵੱਲੋਂ ਇਹ ਬਿਆਨ ਅਣਜਾਣੇ ਵਿੱਚ…
— Amritpal Singh (@singhamriitpal) July 6, 2024
खालसा राज्य का सपना देखना अपराध नहीं
एक्स पर पोस्ट करते हुए अमृतपाल सिंह ने लिखा कि जब मुझे माता जी के दिए गए बयान के बारे में पता चला, तो मेरा मन बहुत दुखी हुआ। मुझे इस बात की उम्मीद नहीं थी। क्योंकि उनकी तरफ से ऐसा समर्थन नहीं आना चाहिए। अमृतपाल ने आगे लिखा कि खालसा राज्य का सपना देखना अपराध नहीं, गौरव की बात है। जिस रास्ते के लिए लाखों सिखों ने अपनी जान कुर्बान की है, उससे पीछे हटने के बारे में हम सपने में भी नहीं सोच सकते।
उदाहरण के तौर पर लिखा
अमृतपाल सिंह ने लिखा कि मैंने कई बार मंच से कहा है कि अगर मुझे पंथ और परिवार में से किसी एक को चुनना हो तो मैं हमेशा पंथ को ही चुनूंगा। इस संबंध में इतिहास का वह वाक्य बिल्कुल सबी है, जहां बंदा सिंह बहादुर के साथ सिंह शहीद हो रहे थे, तो एक 14 वर्षीय बालक की मां ने अपने बच्चे को बचाने के लिए कहा कि अगर यह सिख नहीं होता तो इसे मार दिया जाता। बच्चे ने आगे कहा कि अगर यह महिला कहती है कि मैं गुरु की सिख नहीं हूं तो मैं कह देता हूं कि वह मेरी मां नहीं है।
गुरु पंथ का गुलाम, अमृतपाल सिंह
मैं अपने परिवार को चेतावनी देता हूं कि वे कभी भी सिख राज्य से समझौता करने के बारे में न सोचें, यह कहना तो बहुत दूर की बात है और सामूहिक दृष्टिकोण से कहें तो ऐसी गलती नहीं की जानी चाहिए। अमृतपाल ने पोस्ट के अंत में लिखा गुरु पंथ का गुलाम, अमृतपाल सिंह, बंदी डिब्रूगढ़ जेल असम।

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