
लोगों में रोष
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श्रीक्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन एवं सेव आवर हेरिटेज फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में समस्त राजपूत समाज द्वारा आबूरोड तहसील पर उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर बूंदी नरेश महाराव सूरजमल की छतरी को तोड़ने पर नाराजगी जताई गई है। इस कार्रवाई में अपमानजनक तरीके से कार्य करने का आरोप लगाते हुए दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ की कारवाई की मांग की गई है।
ज्ञापन में बताया गया है कि हमारे राज्य की ऐतिहासिक धरोहर, जनता की आस्था तथा राजस्थान के शौर्य का प्रतीक राव सूरजमल हाड़ा की 500 वर्ष प्राचीन कलात्मक छत्तरी को कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) प्रशासन द्वारा अपमानजनक तरीके से तोड़ दिया गया है। इससे आमजन एवं विरासत प्रेमियों की भावनाएं बुरी तरह से आहत हुई है। ज्ञापन के अनुसार देश महाराव सूरजमल का बाबर के विरुद्ध खानवा के ऐतिहासिक युद्ध में बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उन्होंने 1531 ई. में तुलसी गांव के इस स्थान पर वीरतापूर्वक युद्ध किया था तथा इस दौरान उनके मौत हो गई थी। बाद में इसी स्थान पर अंतिम संस्कार कर उनकी याद में छतरी का निर्माण व मूर्ति प्रतिष्ठा की गई थी। लोक आस्था के केन्द्र इस छतरी में पूजा अर्चना सभी समाजों द्वारा निरंतर आज तक की जाती है। इसमें महाराव सूरजमल हाड़ा की छतरी को प्राचीन स्मारकों के विस्थापन के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन न करते हुए सामान्य अतिक्रमण की भांति तोड़ने का अपराध करने वाले व ऐसा करने का आदेश देने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त कर उनके विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करवाने की मांग की गई है।
इसके साथ ही राजस्थान भर में ऐसे अनगिनत प्राचीन स्मारक बने हुए है। सौ वर्ष से अधिक काल खण्ड के ऐसे सभी स्मारकों को संरक्षित रखने के लिए एवं गैर जिम्मेदाराना हरकतों को रोकने के लिए पारदर्शी व कठोर नीति निर्धारित कर तत्काल क्रियान्वित करवाने, आज़ादी के पूर्व के हर प्राचीन स्मारक एवं निर्माण को बिना पुरातत्व विभाग की अनापत्ति के विस्थापित अथवा तोड़ने की अनुमति नहीं देने के लिए पाबंद करवाने, महाराव सूरजमल हाड़ा की ध्वस्त की गई छतरी के उसी स्थान पर पुर्ण सम्मान के साथ पुनः ऐसी ही विशाल छतरी स्थापित करवाने, प्रस्तावित हवाई अड्डे का नामकरण महाराव श्री सूरजमल हाड़ा के नाम पर कर उनके प्रति आमजन की आस्था का सम्मान करवाने, हवाई अड्डे के मुख्य द्वार पर इनकी अश्वारूढ प्रतिमा स्थापित करवाने तथा ध्वस्त छतरी के अवशेषों को पैनोरमा बना कर उसमें सुरक्षित रखवाने का आग्रह किया गया है।

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